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________________ सोलह ३१ त्याग को तोड़ने में पाप किसको ? ३२ साधु के घृतपात्र में चींटिया मरी-पाप किसको ? ३३ दिवालिये को भी 'शाह' ही कहते हैं। ३४ पादु में सामीदासजी के साधु । ३५ वह दोष निकालता है। ३६ हिंसा के बिना धर्म नहीं होता। ३७ सावद्य दान विषयक स्पष्टीकरण । ३८ पीलिये के रोगी को... ३९-४१ चोर को सहयोग देने वाला... ४२ मुनि शांतिविजयजी से चर्चा ४३ मेरा नाम है भीखन ४४ जग्गू गांधी ४५ दान-दया का स्वरूप ४६ वा बुद्धि किण काम की ? ४७ रात छोटी-बड़ी का कारण ४८ निंदा करने का स्वभाव बावेचा लोगों का उपद्रव ४९ साधु कौन ? असाधु कौन ? ५० यथार्थ और निन्दा? ५१ साधु की पहचान ५२ पत्थरनाथ की पूजा ५३ छलनापूर्ण वचन ५४ सभी एक क्यों नहीं होते ? ५५ परुष भाषा का प्रयोग क्यों ? ५६ आंखों की शल्य चिकित्सा ५७ व्रतों का पालन-अपालन ५८ कोयलों की राब ५९-६२ बनी बनाई ब्राह्मणी ६३ गाजीखां मुल्लाखां ६४ सूरदास बाबा ६५ बैलगाड़ी या गधे की सवारी ६६ संज्ञी-असंज्ञी ६७ एक महाव्रत के टूटने पर...
SR No.006173
Book TitleBhikshu Mahakavyam Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmalmuni, Nagrajmuni, Dulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1998
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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