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________________ २८६ वंदित्तु सूत्र और जो भाव आत्मा के लिए हितकर-सुखदायक है उसे हितकर मानना वह बोधि है । सम्यग् बोध के बिना कोई भी जीव जीवन की सच्ची दिशा या आंतरिक विवेक नहीं प्राप्त कर सकता । सम्यग्दर्शन बिना वास्तविक सुख की प्राप्ति कभी नहीं होती। बोधि का दूसरा अर्थ है - परलोक में जैन धर्म की प्राप्ति। प्रतिक्रमण करने वाले श्रावकों को इस भव में जैन धर्म मिलने का अत्यंत आनंद होता है। इसीलिए ही उनकी तमन्ना होती है कि भवांतर में भी हमें जैन धर्म की प्राप्ति हो। इस कारण से श्रावक प्रतिदिन ऐसी इच्छा करता है कि जिनधर्म से युक्त दास एवं दरिद्र होना मुझे स्वीकार है, परंतु जैन धर्म न मिले तो चक्रवर्ती होना भी मुझे स्वीकार नहीं है। जिज्ञासा : बोधि एवं समाधि ये दोनों गुण मांगने से नहीं मिलते एवं आंतरिक गुणों में आदान-प्रदान भी नहीं होता तो ऐसी याचना करने से क्या फायदा ? और सम्यग्दृष्टि देवों से ही क्यों ? तृप्ति : बोधि एवं समाधि ये दोनों आंतरिक गुण हैं । बाह्य पदार्थों की तरह आंतरिक गुणों में लेन-देन की क्रिया नहीं हो सकती, तो भी हृदयपूर्वक की हुई यह प्रार्थना कभी निष्फल नहीं जाती क्योंकि इस रीति से प्रार्थना करने से अंतर में एक प्रकार का शुभ भाव प्रकट होता है। प्रकट हुआ ये शुभ भाव बोधि आदि गुणों में विघ्न करनेवाले कर्मों का नाश करके गुणों को प्रकट करता है और इस रीति से प्रार्थना करने से गुण प्राप्ति के लिए हमारा वीर्योल्लास भी बढ़ता है। इसलिए आंतरिक गुणों में भले लेन-देन न हो तो भी उनकी प्राप्ति के लिए प्रार्थना योग्य है। इसके अतिरिक्त, सम्यग्दृष्टि देव इन गुणों को देने में समर्थ नहीं हों तो भी गुणों की प्राप्ति में जो विघ्न आते हैं उनको तो वे दूर कर सकते हैं। बाह्य अनुकूलताओं को प्रकट भी कर सकते हैं और उसके द्वारा समाधि-बोधि में जरूर सहायक बनते हैं। पूर्वकाल में मेतार्यमुनि वगैरह अनेक साधकों को उनके मित्र देवों ने बाह्य अनुकूलता करने में सहायता की थी। ऐसे दृष्टांत शास्त्रों के पृष्ठों में मिलते हैं एवं 4. जिनधर्म विनिर्मुक्तो, मा भूवं चक्रवर्त्यपि। स्यां चेटोऽपि दरिद्रोऽपि, जिनधर्माधिवासितः ।।१४०।। - योगशास्त्र प्रकाश
SR No.006127
Book TitleSutra Samvedana Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrashamitashreeji
PublisherSanmarg Prakashan
Publication Year2009
Total Pages320
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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