SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 457
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ४३४ गुजराती भाषानी उत्क्रान्ति अम्ह सरीषउ ( अम सरखो) आहरजाहर (आवजाव-अवरजवर) तू सरीषउ (तुं सरखो) मेराइउ ( मेरायु) मू सरीषउ (हुं सरखो-मुं सरखो) उपवासीउ ( उपवासीयो-उपवासी) बाहिरि ( बाहिर–बहार) मसिहाईउ (मसियाइ-माशीनुं ) छहिलङ (छेलु) बलबलीउ (वळवळीयो-हल हल पुरु ( पोर-गयुं वर्ष) करनार-बोलबोल करनार ) उसीआलं ( ओशीयालु) कांकसी ( कांचकी) भूराइ (भूराइ–भडकती) पाणउ (खाणियो) द्रडबडाहिउ ( दबडाव्यो) ओलाणि ( ओलवाण) आरंभई (आरंभे छे) बोलइ (बोले छे) बूझइ (बूझे छे) खाअइ (खाय छे) थोभई (थोमे छे) सीबई (शीखे छे) विचारइ (विचारे छे) कहइ (कहे छे) सोहइ (सोहे छे) आवइ (आवे छे) ऊगइ (ऊगे छे) त्रासइ (त्रासे छे) त्रुटइ (त्रुटे छे) आपइ (आपे छे) राषइ (राखे छे) सांभरइ (सांभरे छे) ऊपजइ (ऊपजे छे) नीपजइ (नीपजे छे) बालइ (बाळे छे) पीअइ (पीए छे) मुलइ ( मोळे छे–शाक मोळे छे) सुहाइ ( सुहाय छे) करडइ ) (करडे छे) काटइ । (काटे छे) वीछलइ ( वींछळे छे ) संधूषा (संधूके छे) चिणइ (चणे छे) ऊजालइ (ऊजाळे छे) चूयइ (चूवे छे) भेटइ (भेटे छे) सेवइ (सेवे छे) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004874
Book TitleGujarati Bhashani Utkranti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherMumbai University
Publication Year1943
Total Pages706
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, History, & Grammar
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy