________________ मण 1 वाया 2 कायाणं 3 सुद्धी सम्मत्तसोहणी जत्थ / मणसुद्धी जिणजिणमयवज्जमसारं मुणइ लोयं // 923 // तित्थंकरचलणारा-हणेणं जं मज्झ सिज्जइ न कज्जं / पत्थेमि तत्थ नन्नं देवविसेसे हि वयसुद्धी // 924 // छिज्जंतो भिज्जतो पिलिज्जतो वि डज्झमाणो वि / जिणवज्जदेवयाणं न नमइ जो तस्स तणुसुद्धी 3 // 925 / / पावयणी 1 धम्मकही 2 वाई 3 निमित्तिओ 4 तवस्सी य / विज्जा 6 सिद्धो य 7 कई 8 अद्रुव पभावगा भणिया // 926 / / विहिभासओ 1 विहिकारओ वि 2 पवयणपभावणाकरणो 3 / . थिरकरण 4 सुद्धकहगो 5 समयम्मि सव्वसमयन्नू 6 // 927 // पवयणपसंसकरणो 7 पवयणुडाहगोवओ 8 / पुव्वुत्तस्साभावे अद्वैव पभावगा एए ' // 928 // अइसेसि इट्ठि 1 धम्मकही 2 वाई 3 आयरिय 4 खवग 5 नेमित्ती 6 / विज्जा 7 राया 8 गणसंमया य निच्चं तित्थं पभावंति // 929 / / जिणसासणे कुसलया 1 पभावणा 2 तित्थसेवणा 3 थिरया 4 / भत्ती य गुणा 5 सम्म-त्त दीवगा उत्तमा पंच // 930 // लक्खिज्जइ सम्मत्तं हिययगयं जेहि ताई पंचेव / उवसम 1 संवेगो 2 तह निव्वेय 3 णुकंप 4 अत्थिक्कं 5 / / 931 / / परतित्थीणं तद्देवयाणं तग्गहियचेइयाणं च / जं छव्विहवावारं न कुणइ सा छव्विहा जयणा // 932 // वंदणनमंसणं वा दाणाणुपयाणमेसि वज्जेइ / आलावं संलावं पुव्वमणालत्तगो न करे // 933 // रायाभिओगो य 1 गणाभिओगो 2 बलाभिओगो य 3 सुराभिओगो 4 // कंतारवित्ती 5 गुरुनिग्गहो य 6 छच्छिंडियाओ जिणसासणम्मि // 934 // 222