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________________ आदि अंगों को क्षति पहुँचती है। किसी प्रकार की घबराहट की स्थिति में व्यक्ति अधिकांशतः आवश्यकता से अधिक भोजन करता है। इससे वजन सीमा से अधिक बढ़ जाता है / इस प्रकार मोटापा नसों की कमजोरी या अन्य समस्याओं का विस्तृत रूप है। योगाभ्यास तनाव दूर कर शान्ति प्रदान करता है। साथ ही नसों की . कमजोरी या घबराहट दूर करता है जो कि उच्च रक्तचाप का मूल कारण है। इस प्रकार उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्तियों को योगाभ्यास निश्चित रूप से मदद करता है / अनेक योगाभ्यास उच्च रक्तचाप वाले व्यक्तियों के लिये वर्जित हैं परन्तु सामान्य व्यायाम की तरह अनेक अभ्यास किये जा सकते हैं / ये अभ्यास हृदय की गति में विशेष वृद्धि नहीं करते और न इनसे किसी प्रकार का खतरा है। मस्तिष्क एवं नाड़ी-प्रणाली - मस्तिष्क असंख्य ( करीब एक करोड़ ) नाड़ी - पेशियों या घटकों से निर्मित है। प्रत्येक के कार्यों में विभिन्नता होते हुये भी वे किसी न किसी रूप. में एक-दूसरे से संबंधित हैं / मस्तिष्क बुद्धि का बहुत बड़ा केन्द्रीय माध्यम है। यह बहुत बड़े गणक की भाँति कार्य करता है। नेत्र, कर्ण शरीर, अंतःप्रदेश, स्नायु आदि के द्वारा यह बाह्य जगत के संदेशों को ग्रहण करता है। यह पूर्व अनुभव एवं अतीत की स्मृतियों के आधार पर किसी कार्य को करने की विधि या उसे न करने का निर्णय लेता है। कोमल अंग होते हुए भी मस्तिष्क की क्षमता दीर्घकालीन होती है / इसे कभी विश्रान्ति नहीं मिलती / हृदय और फेफड़ों की भाँति इसकी क्रिया दिन - रात चलती रहती है। प्रति क्षण इसकी सजगता के बिना शरीर को ऐसी क्षति पहुँच सकती है जिसकी पूर्ति असंभव है। सभी स्वाभाविक क्रियाओं पर इसका नियंत्रण रहता है / इसकी गुप्त प्रक्रियाओं द्वारा यह निर्णय होता है कि कितनी बार स्वयं किस गति से हृदय में स्पंदन होना चाहिये / अन्य रचनायें पाचन क्रिया, वृक्क , अंतःस्रावी ग्रंथि तथा अन्य शारीरिक अंगों की क्रियाओं पर नियंत्रण रखती हैं। सिर की आकृति या आकार द्वारा उसकी विचार-शक्ति का ज्ञान नहीं किया जा सकता / इस क्षेत्र में रक्ताभिसरण क्रिया बहुत महत्वपूर्ण है / मस्तिष्क के परिवहन में किसी प्रकार के अवरोध से विचार एवं तर्क शक्ति में दुखद 382
SR No.004406
Book TitleAasan Pranayam Mudra Bandh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSatyanand Sarasvati
PublisherBihar Yog Vidyalay
Publication Year2004
Total Pages440
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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