SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 663
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 64 ] सप्ततिकाभाष्यम् दस मिच्छे अनियट्टी वेयइ दो एगु वा सहुमु एगं / उदया गुणेसु एवं भंगविगप्पा इमे तेसु // 39 / / अट्ट य चउ चउ चउरट्ठगा य चउरो य हुंति तिज 24 नामा। चउतीस भंग 8 एगो 9 सुहुमंता हुँति जहसंखं // 40 // उदओ सम्मत्तो॥ अठग सत्तग छच्चउ' तियदुगएक्काहिया भवे वीसा / तेरस बारेकारस एत्तो पंचाइ एगूणा / / 4 / / मोहो सव्वो अडवीस सम्मि उव्वलिइ होइ सगवीसा / / मिस्सुव्वलिए छब्बीस अणाइमिच्छसि वा होइ // 42 // जहसंखं अणचउ 4 मिच्छ मिस्स 2 सम्मं च अट्ठ य कसाया। नपु१२ मिथिहासछप्पु खविए मोहाउ 28 जा चउरो // 43 // "एक कम्मि य खीणे संजलणे सेस संत जावेगो / गुणस्थानेषु सत्तास्थानान्याहमिच्छे जा छव्वीसा अट्ठावीसा य सासाणे // 44 // चउवीसंता छव्वीसवज्जिया मिस्सि हुति संताउ / अडचउतिदुएगहिया वीसा अजयाइचउसु पि // 45 // , तो अडचउएगहिया वीसा' उवसंत जाव सव्वेसि / तेराइ खवगि बायरि एगंता “एगु सुहुमम्मि // 46 // अडवीससंतकम्मो सम्म उव्यलिय जाइ मीसम्मि / मिच्छादिट्ठी एवं सत्तावीसा हवइ मीसे // 47 / / सांप्रतं गुणास्थानविषयबन्धोदयेषु सत्ताम्थानान्याह-- जे गुणठाणगसंता ते ते ताणं पि बंधउदएसु / "मोत्तु बायरखवगो अणसम्मविसेसिउदए वि // 48 / / '"इयवीसाई चउरो पणचइ चउचइ इगार पण चारि / तिब्बंधाइसु संतं बंधसमं एगअहियं च // 49 // 1 "तिगदुगएगाहिया" इत्यपि / 2 “उव्वलिए" इत्यपि। 3 "०मीस." इत्यपि। 4 "इत्थि" इत्यपि / 5 "इक्किक्कम्मि उ" इत्यपि / 6 “उवसंतु" इत्यपि / 7 “एग" इत्यपि / 8 'मिच्छदि०" इत्यपि / 6 “अणसम्मविसेसुदए बायरखवगं च मुत्तणा // 48 // " इति मुद्रितप्रतौ पाठान्तरम् / 10 इयं गाथाद्वयी हस्तलिखितप्रतौ, मुद्रितप्रतौ पुनरित्थं दृश्यते / 'मिच्छुदए अणरहिए अट्ठाब से च.हुति संतम्मि। सम्मजुइ उदइ इगवीस नत्थि तिदुवीससम्मिविणा // 49 // इगवीसाई चउरो पणचइ चउचइ इगार पण चारि / तियबंधाइसु संतं बंधसमं एगअहियं च // 50 // इति /
SR No.004404
Book TitleKarmgranth tatha Sukshmarth Vicharsar Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVeershekharvijay
PublisherBharatiya Prachya Tattva Prakashan Samiti
Publication Year1974
Total Pages716
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy