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________________ 328 अनंगपविट्ठसुत्ताणि सोत्तियवई य चेदी, वीयभयं सिंधुसोवीरा // 4 // महुरा य सूरसेणा, पावा भंगी य माम पुरिवट्टा / सावत्थी य कुणाला, कोडीवरिसं च लाढा य // 5 / / सेयविया वि य णयरी, केयइअद्धं च आरियं भणियं / इन्धुप्पत्ती जिणाणं, चक्कीणं रामकण्हाणं // 6 // सेत्तं खेत्तारिया // 66 // से किं तं जाइआरिया ? जाइआरिया छविहा पण्णत्ता / तंजहा-अंबट्ठा य कलिंदा विदेहा वेदगा इ य / हरिया चुचुणा चेव छ ए या इन्भजाइओ // सेत्तं जाइआरिया // 67 // से किं तं कुलारिया ? कुलारिया छव्विहा पण्णत्ता। तंजहा-उग्गा, भोगा, राइण्णा, इक्खागा, णाया, कोरव्वा / सेत्तं कुलारिया // 68 / / से किं तं कम्मारिया ? कम्मारिया अणेगविहा पण्णत्ता / तंजहादोसिया, सोत्तिया, कप्पासिया, सुत्तवेयालिया, भंडवेयालिया, कोलालिया णरवाहणिया // जेयावण्णे तहप्पगारा। सेत्तं कम्मारिया // 69 // से किं तं सिप्पारिया ? सिपारिया अगेगविहा पण्णत्ता। तंजहा-तुण्णागा,तंतुवाया, पट्टागारा देयडा, वरुट्टा, छविया, कट्ठपाउयारा, मुंजपाउयारा, छत्तारा, वज्झारा पोत्थारा, लेप्पारा, चित्तारा, संखारा, दंतारा, भंडारा, जिज्झगारा, सेल्लारा, कोडिगारा, जेयावण्णे तहप्पगारा। सेतं सिप्पारिया // 70 // से किं तं भासारिया ? भासारिया जे णं अदमागहाए भासाए भासेंति, जत्थऽवि य गं बंभी लिवी पवत्तइ / बंभीए णं लिवीए अट्ठारसविहे लेक्खविहाणे पण्णत्ते / तंजहा–१ बंभी, 2 जवणाणिया, 3 दोसापुरिया, 4 खरोट्टी 5 पुक्खरसारिया, 6 भोगवइया, 7 पहराइया, ८अंतक्खरिया, 9 अक्खरपुट्ठिया, 10 वेणइया, 11 णिण्हईया, 12 अंकलिवी, 13 गणियलिवी, 14 गंधचलिवी, 15 आयंसलिवी, 16 माहेसरी, 17 दोमिलिवी; 18 पोलिंदी / सेत्तं भासारिया // 71|| से किं तं णाणारिया ? णाणारिया पंचविहा पण्णत्ता / तंजहा-आभिणिबोहियणाणारिया, सुयणाणारिया, ओहिणाणारिया, मणपजवणाणारिया, केवलणाणारिया / सेत्तं णाणारिया // 72 // से कि तं दंसणारिया ? दंसणारिया दुविहा पण्णत्ता / तंजहासरागदसणारिया य वीयरागदसणारिया य // 73 // से किं तं सरागदंसणारिया ? सरागर्दसणारिया दसविहा पण्णत्ता / तंजहा-णिसग्गुवएसरुई आणारुई सुत्तबीयरुइमेव / अभिगमवित्थाररुई किरियासंखेवधम्मरुई // 1 // भूयत्थेणाहिगया जीवाजीवे य पुण्णपावं च / सहसंमुईयाऽऽसवसंवरे य रोएइ उ णिस्सग्गो // 2 // जो जिणदिट्टे भावे चउविहे सद्दहाइ सयमेव / एमेव णण्णहत्ति य णिसग्गरुइत्ति णायव्वो // 3 // एए चेव उ भावे उवदिढे जो परेण सद्दहइ / छउमत्थेण जिणेण व उवएसरुइत्ति
SR No.004388
Book TitleAnangpavittha Suttani Padhamo Suyakhandho
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1984
Total Pages608
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_aupapatik, agam_rajprashniya, agam_jivajivabhigam, & agam_pragyapana
File Size11 MB
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