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________________ __पण्णवणासुत्तं प०१ 327 भूमगा, अंतरदीवगा // 60 // से किं तं अंतरदीवगा ? अंतरदीवगा अट्ठावीसविहा पणत्ता / तंजहा–१ एगोरुया, 2 आभासिया, 3 वेसाणिया, 4 णंगोलिया, 5 हयकण्णा, ६गयकण्णा, 7 गोकण्णा, 8 सक्कुलिकण्णा, 9 आयंसमुहा 10 मेंढमुहा, 11 अयोमुहा, 12 गोमुहा, 13 आसमुहा, 14 हथिमुहा 15 सीमुहा, 16 वग्घमुहा, 17 आसकण्णा, 18 हरिकण्णा, 19 अकण्णा, 20 कण्णपाउरणा, 21 उक्कामुहा, 22 मेहमुहा, 23 विज्जुमुहा, 24 विज्जुदंता, 25 घणदंता, 26 लट्ठदंता, 27 गूढदंता, 28 सुद्धदंता / सेत्त अंतरदीवगा // 61 // से किं तं अकम्मभूमगा ? अकम्मभूमगा तीसविहा पण्णत्ता / तंजहा-पंचहिं हेमवए हिं, पंचहिं हेरण्णवएहिं,पंचहिँ हरिवासेहि,पंचहिँ रम्मगवासेहिं, पंचहिं देवकुरूहिं, पंचहिं उत्तरकुरूहिँ / सेत्तं अकम्मभूमगा // 62 // से किं तं कम्मभूमगा ? कम्मभूमगा पण्णरसविहा पण्णत्ता / तंजहा-पंचहिं भरहेहि,पंचहिँ एखएहि, पंचहिं महाविदेहेहिं / ते समासओ दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-आरिया य मिलक्खू य // 63 // से किं तं मिलवखू ? मिलक्खू अणेगविहा पण्णत्ता / तंजहा-सगा जवणा चिलाय-सबर-बब्बर कायमुरुडोडभडग-णिण्णग-पक्कणिया कुलक्ख-गोंड-सिंहल-पारस-गोधा-कोंच-अंबडइदमिलचिल्लल. पुलिंद-हारोस-दोब-वोकाण-गंधाहारग-पहलिय-अज्झल-रोमपास-पउसा-मलयाय-बंधुयाय-सूयलिकुंकुणग-मेयपल्हव-मालव-मग्गर-आभासियाणकचीणल्हसिय-खसा घासियणदरमोंढ-डोंबिलग-लओस-पओस-कक्केय-अक्खाग-हूण-रोमग-भरुमरुय-चिलाय-विसयवासी य एवमाई / सेत्तं मिलक्खू // 64 // से किं तं आरिया? आरिया दुविहा पण्णत्ता। तंजहा-इड्ढिपत्तारिया य अणिढिपत्तारिया य / से किं तं इड्ढिपत्तारिया ? इड्ढिपत्तारिया छव्विहा पण्णत्ता।। तंजहा-१ अरहंता,२ चक्कवट्टी, 3 बलदेवा, 4 वासुदेवा, 5 चारणा, 6 विजाहरा / सेत्तं इड्ढिपत्तारिया। से किं तं अणिढिपत्तारिया ? अणिढिपत्तारिया णवविहा पण्णत्ता / तंजहा-खेत्तारिया, जाइआरिया, कुलारिया, कम्मारिया, सिप्पारिया, भासारिया, णाणारिया, दंसणारिया, चरित्तारिया // 65 // से किं तं खेत्तारिया ? खेत्तारिया अद्धव्वीसइविहाणा पण्णत्ता / तंजहा-रायगिहमगह. चंपा, अंगा तह तामलित्ति वंगा य / कंचणपुरं कलिंगा, वाणारसी चेवकासी य॥१॥ साएय कोसला गयपुरं च कुरु सोरियं कुसट्टा य / कंपिल्लं पंचाला, अहिछत्ता जंगला चेव // 2 // बारवई सोरट्ठा, मिहिल विदेहा य वच्छ कोसंबी / णंदिपुरं संडिल्ला, भदिलपुरमेव मलया य // 3 // वइराड वच्छ वरणा, अच्छा तह मत्तियावइ दसण्णा /
SR No.004388
Book TitleAnangpavittha Suttani Padhamo Suyakhandho
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1984
Total Pages608
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_aupapatik, agam_rajprashniya, agam_jivajivabhigam, & agam_pragyapana
File Size11 MB
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