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________________ 320 अनंगपविट्ठसुत्ताणि हीरो भंगो पदीसए / परित्तजीवा तया सा उ जेयावण्णा तहाविहा // 23 / / जस्स सालस्स भग्गस्स हीरो भगो पदीसए / परित्तजीवे उ से साले जेयावण्णे तहाविहा // 24 // जस्स पवालस्स भग्गस्स हीरो भंगो पदीसए / परित्तजीवे पवाले उ से जेयावण्ण तहाविहा // 25 / / जस्स पत्तस्स भग्गस्स हीरो भंगो पदीसए / परित्तर्जावे उ से पत्ते जेयावण्णे तहाविहा॥२६॥ जस्स पुष्फस्स भग्गस्स हीरो भगो पदीसए / परित्तजीवे उसे पुप्फे जेयावण्णे तहाविहा // 27 // जस्स फलस्स भम्गस्स हीरो भंगो पदीसए / परित्तजीवे फले से उ जेयावण्णे तहाविहा // 28 // जस्स बीयस्स भम्गस्स हीरो भंगो पदीसए / परित्तजीवे उ से बीए जेयावण्णे तहाविहा // 29 // जस्स मूलस्स कट्ठाओ छली बहलयरी भवे / अणंतजीवा उ सा छल्ली जेयावण्णा तहाविहा // 30 // जस्स . कंदस्स कट्ठाओ छल्ली बहलयरी भवे / अणंतजीवा उ सा छल्ली जेयावण्णा तहाविहा // 31 // जस्स खंधस्स कट्ठाओ छल्ली बहलयरी भवे / अणंतजीवा उ सा छल्ली जेयावण्णा तहाविहा // 32 // जीसे सालाए कट्ठाओ हल्ली बहलयरी भवे / अणंतजीवा उ सा छल्ली जेयावण्णा तहाविहा // 33 // जस्स मूलस्स कट्ठाओ उल्ली तणुयरी भवे / परित्तजीवा उ सा छल्ली जेयावण्णा तहाविहा // 34 // जस्स कंदम्स कट्ठाओ हल्ली तणुयरी भवे / परित्तजीवा उ सा छल्ली जेयावण्णा तहाविहा // 35 // जस्स खंधस्स कट्ठाओ छल्ली तणुयरी भवे / परित्त वा उ सा छली जेयावण्णा तहाविहा // 36 // जीसे सालाए कट्ठाओ छल्ली तणुयरी भवे / परित्तजीवा उ सा छल्ली जेयावण्णा तहाविहा // 37 // चक्कागं भजमाणस्स गंठी चुण्णघणो भवे / पुढविसरिसभेएण अणंतजीवं वियाणाहि // 38 // गूढछिरागं पत्तं सच्छीरं जं च होइ णिच्छीरं / जं पि य पणट्ठसंधि अणंतजीवं वियाणाहि // 39 // पुष्फा जलया थलया य बिंटबद्धा य णालबद्धा य / संखिजमसंखिज्जा बोद्धव्वाऽणंतजीवा य // 40 // जे केइ णालिया बद्धा पुप्फा संखिजजीविया भणिया। णिहुया अणंतजीवा जेयावण्णे तहाविहा // 41|| पउमुप्पलिणीकंदे अंतरकंदे तहेव झिल्ली य। एए अणंतजीवा एगो जीवो बिसमुणाले // 42 // पलंडू-ल्हसुणकंदे य कंदली य कुटुंबए। एए परित्तजीवा जेयावण्णे तहाविहा // 43 // पउमुप्पलणलिणाणं सुभगसोगंधियाण य / अरविंदकोकणाणं सयवत्तसहस्सपत्ताणं // 44 // विंटं बाहिरपत्ता य कण्णिया चेव एगजीवस्स / अभितरगा पत्ता पत्तेयं केसरा मिजा॥४५॥ वेणु-णल-इक्खुवाडिय-समासइक्खू य इक्कडे रंडे / करकर सुंठि विहंगू तणाण तह पव्वगाणं च // 46 // अच्छि पव्वं पलिमोडओ य एगस्स होति जीवस्स / पत्तेयं पत्ताई पुप्फाई अणेगजीवाई // 47 // पुस्सफलं कालिंगं तुंब
SR No.004388
Book TitleAnangpavittha Suttani Padhamo Suyakhandho
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1984
Total Pages608
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_aupapatik, agam_rajprashniya, agam_jivajivabhigam, & agam_pragyapana
File Size11 MB
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