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________________ चाहिये। ज्ञान एक ऐसा धन है जो इस जीवन में तो रहता ही है, अगले जन्म में भी साथ रहता है। 2. दर्शनावरणीय : इसकी तीन प्रेरणाएँ हैं - सही समझ, सम्यक्-श्रद्धा और स्वयं पर पूर्ण विश्वास। इसकी नौ उत्तर प्रकृतियों से निद्रा-त्याग यानि अल्प निद्रा की प्रेरणा मिलती है। 3. मोहनीय : धनोपार्जन के लिए भी निजी सुखों का त्याग करना पड़ता है। केन्द्रीभूत अतिशय राग मोह होता है।.राग के विस्तार से मोह घटता है और प्रेम व मैत्री बढ़ती है। मोहनीय कर्म परिग्रह संज्ञा को पैदा करता है। अपरिग्रह की दिशा में बढ़ने से मोह मन्द होता है अथवा मोह कर्म की मन्दता से अपरिग्रह की राह आसान हो जाती है। 4. अन्तराय : अन्तराय से बचने के लिए किसी के हितों में कभी बाधक नहीं बनना चाहिये। इसकी पाँच उत्तर प्रकृतियों की प्रेरणाएँ हैं - दानादि सहयोग में बाधा नहीं डालना। लाभ, व्यवसाय, रोजगार आदि में बाधा उपस्थित नहीं करना। किसी के आहार आदि में व्यवधान नहीं डालना। किसी की खशियों व आवश्यक चीजों की प्राप्ति में व्यवधान नहीं डालना। किसी की विशिष्ट सामर्थ्य प्रतिभा आदि के प्रकाशन में व्यवधान पैदा नहीं करना। सामाजिक व्यावसायिक जीवन में इन प्रेरणाओं का मूल्य है। 5. वेदनीय : इस कर्म की प्रेरणा यह है कि हम दूसरों को सुख व साता प्रदान करें। कष्ट में पड़े प्राणी को राहत पहुँचायें। ऐसा करने से संसार में सुखों की सृष्टि होती है, जो अर्थनीति का एक ध्येय है। 6. नाम : यह कर्म प्रेरणा देता है कि तन-सौन्दर्य के आकांक्षी मानव को मन सौन्दर्य के प्रति भी चेष्टा रखनी चाहिये। इससे व्यक्ति का यश यहाँ-वहाँ फैलेगा। दूसरों की बाह्य आकृति, रंग-रूप के आधार पर अनुचित टिप्पणी ठीक नहीं है। रंगभेद को लेकर संसार में लड़ाइयाँ, शोषण आदि की प्रवृत्तियाँ पनपी। नाम कर्म को समझाने वाला ऐसे भेदों से दूर रहता है। 7. गौत्र : यह कर्म जातीय और कौटुम्बिक अहंकार तोड़ने की प्रेरणा देता है। 8. आयुष्य : जीवन की क्षणभंगुरता का बोधक यह कर्म शोक-मुक्त रहने की प्रेरणा देता है। इससे अप्रमत्त होकर निरन्तर सत्कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। व्यक्ति को आज के कार्य कल पर नहीं टालने चाहिये। (260)
SR No.004281
Book TitleJain Agamo ka Arthashastriya Mulyankan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDilip Dhing
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2007
Total Pages408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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