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________________ प्र.1132 धारणा कौन से ज्ञान का भेद है ? उ. धारणा 'मतिज्ञान' का भेद है। प्र.1133 धारणा किसे कहते है ? उ. वस्तु की अविस्मृति अर्थात् किसी विषय वस्तु के निश्चयात्मक ज्ञान को मन में स्थिर (धारण) करके रखना, धारणा है । प्र.1134 धारणा के कितने भेद है, नाम लिखे ? उ. धारणा के तीन भेद है-1. अविच्युति 2. वासना 3. स्मृति । प्र.1135 अविच्युति धारणा किसे कहते है ? उ. अपाय मतिज्ञान से निर्णित की गई वस्तु/विषय को उसी अपाय काल में अन्तर्मुहूर्त तक अखण्डित रुप से चित्त में स्थिर रखना, याद करना, अन्य किसी प्रकार का विक्षेप उत्पन्न नहीं होने देना, अविच्युति धारणा कहलाता है। प्र.1136 वासना धारणा किसे कहते है ? उ. अविच्युति धारणा के द्वारा हृदय में दृढ / मजबूत बने संस्कारों को वासना धारणा कहते है । वासना धारणा के कारण ही पूर्व में दोहराई गयी । कही गयी बात भविष्य में याद आती है, क्योंकि हृदय में संस्कार जमे हुए होते है। - प्र.1137 स्मृति धारणा से क्या तात्पर्य है ? उ. अविच्युति और वासना धारणा के द्वारा हृदय में दृढ / स्थिर बने हुए विषय को कालान्तर में याद करना, स्मृति धारणा कहलाता है। इसका उत्कृष्ट काल भूतकालीन संख्याता भव है। प्र.1138 अणुप्पेहाए हेतु से क्या तात्पर्य है ? ++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++ अट्ठारहवा हेतु द्वार 298 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004240
Book TitleChaityavandan Bhashya Prashnottari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVignanjanashreeji
PublisherJinkantisagarsuri Smarak Trust
Publication Year2013
Total Pages462
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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