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________________ 78 东 Sadikha Jain Education International Nove सोलहवें दिन राम, लक्ष्मण एवं सीताजी, लंकावासियों की उपस्थिति में पुष्पक विमान में बैठकर अयोध्या के लिए रवाना हुए। भरत व शत्रुघ्न भी हाथी पर आरूढ होकर उनके स्वागत के लिए आ गये। क्षितिजपर पुष्पक विमान को दिखते ही वे हाथी से उतर कर पैदल चलने लगे। राम, लक्ष्मण व सीताजी विमान से उतर गए। निरंतर बहती अश्रुधाराओं से भरत एवं शत्रुघ्न ने अपने दो भ्राता व भाभी के चरणों का प्रक्षालन किया। राम ने उन्हें दृढ आलिंगन देकर विमान में बिठाया। स्वर्ग एवं धरित्री के मधुर वाद्यों के सुरों की साक्षी में राम, लक्ष्मण व सीता का अयोध्याप्रवेश संपन्न हुआ आनंदविभोर एवं रामदर्शन के लिए उत्कंठित प्रजाजन, विशेष साज शृंगार धारण किए अयोध्या के पथ पर खडे थे। उन्होंने रामचंद्रजी का हर्षोल्लासपूर्वक स्वागत किया। विमान से उतरते ही रामचंद्र सत्वर अपनी माताओं के दर्शन करने उनके प्रासादों में गए। For Personal & Private Use Only राम वगेरे का अयोध्या में प्रवेश www.jainelibrary.org
SR No.004226
Book TitleJain Ramayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGunratnasuri
PublisherJingun Aradhak Trust
Publication Year2002
Total Pages142
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size30 MB
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