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________________ S. निशीथ सूत्र जिनकी बनावट एवं वर्ण सुन्दर हों, जो अत्यन्त कोमल हों, सुहावने हों, वे भाव-कृत्स्न के अन्तर्गत आते हैं। ये चारों ही प्रकार के वस्त्र साधुओं के लिए अग्राह्य हैं, परिग्रह रूप हैं। साधु अल्प मूल्य-थोड़ी कीमत के सादे वस्त्र धारण करे, ऐसा विधान है। अल्प मूल्य की मर्यादा का सीमाकरण धर्म-संघ में द्रव्य, क्षेत्र, काल एवं भावानुरूप विविध रूप में किया जाता रहा है। मूलतः आशय यही है कि साधु शरीर के रक्षण तथा व्यवहार की दृष्टि से साधारण, अल्प मूल्य युक्त वस्त्रों का ही उपयोग करे। इससे अपरिग्रह महाव्रत पोषित होता है, दृढता पाता है। अखण्डित वस्त्र लेने-रखने का प्रायश्चित्त जे भिक्खू अभिण्णाई वत्थाई धरेइ धरेंतं वा साइज्जइ॥ २४॥ कठिन शब्दार्थ - अभिण्णाई - अभिन्न - अखण्डित। भावार्थ - २४. जो भिक्षु अखण्डित वस्त्र धारण करता है या धारण करते हुए का अनुमोदन करता है, उसे लघुमासिक प्रायश्चित्त आता है। विवेचन - इस सूत्र में अभिन्न का प्रयोग उस वस्त्र के लिए है, जो किसी थान में से कटवाकर - फड़वाकर न लिया गया हो अर्थात् सारा ही ले लिया गया हो, क्योंकि वस्त्र सामान्यतया खण्डित या टुकड़ों के रूप में नहीं आते, वे थानों या जोड़ों आदि के रूप में आते हैं। अपरिग्रह भावना में बाधक होने के साथ-साथ अखण्डित रूप में - थान के रूप में वस्त्र लेने से और भी कई कठिनाइयाँ उत्पन्न हो जाती है। साधु विहार आदि में अपने वस्त्र, पात्रादि सारा सामान स्वयं उठा कर, अपने कंधों आदि पर अपने साथ लिए चलता है। अखण्डित या थान आदि के रूप में स्वीकार किए गए वस्त्र के भारी होने से उसे लेकर चलने में कठिनाई होती है, कष्ट होता है। . बड़े वस्त्र का प्रतिलेखन करने में भी कठिनाई होती है। वस्त्र का अप्रतिलेखित रहना दोष है। वैसे वस्त्र के चुराए जाने आदि की भी आशंका बनी रहती है। इस प्रकार सैद्धान्तिक तथा व्यावहारिक दोनों ही दृष्टियों से अभिन्न - बिना काटा हुआ, फाड़ा हुआ वस्त्र लेना दोषपूर्ण है, प्रायश्चित्त योग्य है। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004200
Book TitleNishith Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2007
Total Pages466
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_nishith
File Size9 MB
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