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________________ ३४३ सोलसमो उद्देसओ - षोडश उद्देशक निषिद्ध शय्या आवास विषयक प्रायश्चित्त जे भिक्खू सागारियसेज्जं अणुपविसइ अणुपविसंतं वा साइज्जइ॥१॥ जे भिक्खू स(सी)उदगं सेजं अणुपविसइ अणुपविसंतं वा साइजइ॥२॥ जे भिक्खू सअगणिसेज्जं अणुपविसइ अणुपविसंतं वा साइज्जइ॥३॥ कठिन शब्दार्थ - सागारियसेजं - सागारिकशय्या - गृहस्थों के शयनादि का स्थान, स(सी)उदगं - सोदकशय्या - सचित्त जल युक्त स्थान, सअगणिसेज - साग्निकशय्या - अग्नियुक्त स्थान। भावार्थ - १. जो भिक्षु गृहस्थ के शयनादि के स्थान में ठहरता है या ठहरने वाले का अनुमोदन करता है। . २. जो भिक्षु सचित्त जलयुक्त स्थान में ठहरता है अथवा ठहरने वाले का अनुमोदन करता है। ३. जो भिक्षु अग्नियुक्त स्थान में ठहरता है या ठहरने वाले का अनुमोदन करता है। ऐसा करने वाले भिक्षु को लघु चातुर्मासिक प्रायश्चित्त आता है। विवेचन - 'शय्या' शब्द सामान्यतः पलंग, बिछौना, शयनपट्ट आदि के अर्थ में आता है। जैन आगमों में इस शब्द का प्रयोग आवास-स्थान - ठहरने की जगह के अर्थ में अधिकांशतः हुआ है। किसी भी स्थान का दैनंदिन कार्यों के विभाजन की दृष्टि से सबसे अधिक सोने में ही उपयोग होता हैं। उपयोगाधिक्य के कारण ही ठहरने के स्थान को शय्या के रूप में अभिहित किया जाना प्रचलित हुआ हो, ऐसा प्रतीत होता है। साधु के ठहरने के स्थान के स्वामी को इसीलिए शय्यातर कहा जाता है। - इन सूत्रों में से प्रथम सूत्र में शय्या शब्द का प्रयोग सामान्यतः ठहरने के स्थान के लिए न होकर उस स्थान के लिए हुआ है, जहाँ घर के स्त्री-पुरुष, दम्पत्ति आदि शयन करते हों। - द्रव्यशय्या और भावशय्या के रूप में इसके दो भेद बतलाए गए हैं। जहाँ स्त्री-पुरुषों के वस्त्र, आभूषण सुगन्धित द्रव्य, नृत्य, गीत आदि से संबंधित उपकरण रखे हों, वह द्रव्य सागारिक शय्या है। जहाँ स्त्री-पुरुषों का, दम्पत्ति का शयनादि के रूप में आवास हो, वह भाव सागारिक शय्या है। इन दोनों में ही साधु का ठहरना इसलिए निषिद्ध है कि वहाँ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004200
Book TitleNishith Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2007
Total Pages466
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_nishith
File Size9 MB
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