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________________ ७८ दशाश्रुतस्कन्ध सूत्र - सप्तम दशा kakkakkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkk इसी तरह तीनों उपाश्रयों की अनुज्ञा प्राप्त करना कल्पता है। यथा - अधः आरामृह, अधोविवृत्तगृह तथा अधोवृक्षमूलगृह। मासिकी भिक्षु प्रतिमा के आराधक अनगार के लिए उपयुक्त तीनों उपाश्रयों को स्वीकार करना कल्पता है। कल्पनीय संस्तारक ___ मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवण्णस्स अणगारस्स कप्पइ तओ संथारगा पडिलेहित्तए, तंजहा - पुढवीसिलं वा, कट्टसिलं वा, अहासंथडमेव वा। मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवण्णस्स अणगारस्स कप्पइ तओ संथारगा अणुण्णवेत्तए, सेसं तं चेव। मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवण्णस्स अणगारस्स कप्पइ तओ संथारगा उवाइणावित्तए, सेसं तं चेव॥९॥ ___ कठिन शब्दार्थ - कट्ठसिलं - काष्ठफलक, अहासंथडमेव - यथासंस्तृत - पूर्व में गृहस्थ द्वारा संस्तारित। भावार्थ - मासिकी भिक्षु प्रतिमा स्वीकार किए हुए अनगार को तीन संस्तारकों का प्रतिलेखन करना कल्पता है - पत्थर की शिला, काष्ठफलक तथा यथासंस्तृत संस्तारक। मासिक भिक्षु प्रतिभा समापन्न अनगार के तीनों संस्तारकों की आज्ञा लेना कल्पता है। मासिक भिक्षु प्रतिमा समापन्न अनगार के तीनों संस्तारकों को उसी प्रकार (पूर्ववत्) स्वीकार करना कल्पता है। स्त्री-पुरुष विषयक उपसर्ग मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवण्णस्स अणगारस्स इत्थी वा पुरिसे वा उवस्सयं हव्वं उवागच्छेजा, से इत्थी वा पुरिसे वा णो से कप्पइ तं पडुच्च णिक्खमित्तए वा पविसित्तए वा॥१०॥ . कठिन शब्दार्थ - इत्थी - स्त्री, हव्वं - शीघ्र, उवागच्छेज्जा - आए, पडुच्च - जानकर, णिक्खमित्तए - बाहर निकले, पविसित्तए - प्रविष्ट होवे। भावार्थ - मासिकी भिक्षु प्रतिमा समापन्न अनगार के उपाश्रय में यदि कोई स्त्री पुरुष : (रति हेतु) शीघ्रता से आएँ तो साधु का उपाश्रय से बाहर जाना तथा यदि उपाश्रय से बाहर हो तो भीतर आना नहीं कल्पता। अर्थात् वह उस ओर से अलिप्त, उदासीन रहता हुआ अपने तप, ध्यान आदि में तन्मय रहे। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004177
Book TitleTrini Ched Sutrani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2007
Total Pages538
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_bruhatkalpa, agam_vyavahara, & agam_dashashrutaskandh
File Size11 MB
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