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________________ "जब मिथ्यात्व इतना जोर दे सकता है, तो सम्यक्त्व में क्या कमी ?" ( पृ० 7 ) प्रायः संसार के कुतर्कों के सामने जिनवाणी का स्वाध्याय करने वाले भी कभी-कभी निराश पड़ते दिखायी दे जाते हैं। ऐसे समय में यह सूक्ति उनमें ऊर्जा का नया संचार कर सकती है, जिसमें आचार्य श्री कहते हैं कि "सच्ची जिनवाणी जिनको मिल जाये उसको शक्ति का ऐसा संचार होता है, जो कभी नहीं होता । ' ( पृ० 6) होता यह है कि सच्ची जिनवाणी का संयोग मिलने पर भी दर्शन मोहनीय कर्म के तीव्र उदय के कारण हम मिथ्यात्ववश भगवान के स्थान पर भक्तों की, वीतरागता के स्थान पर राग-द्वेष की पूजा भक्ति करने लग जाते हैं। पुण्योदय के लालच में गृहीत मिथ्यात्व का पोषण करने लग जाते हैं और पुण्य के स्थान पर पाप बंध करने लग जाते हैं। ऐसी विषम परिस्थिति में मैं आचार्य प्रवर की इस सूक्ति को सिंहनाद मानता हूँ जिसमें वे कहते हैं 'ये भूतों का शासन नहीं है, ये जिनशासन भूतनाथों का शासन है। तुम भूतों को पूजते हो हम भूतनाथ को पूजते हैं।' (पृ0 5) यदि हम किसी क्षुद्र लालच में वीतरागी के स्थान पर राग-द्वेषी देवों को कुछ ज्यादा ही महत्व देने लग गये हैं और उन्हें अपना उद्धारक मानने लग गये हैं तो आचार्य प्रवर उन देवों की भी सच्ची पहचान करवाना चाहते हैं, क्योंकि तथाकथित ढोंगी बाबाओं का एक समूह 'मुझमें देव आते हैं' ऐसा प्रपञ्च रचकर लोगों से धन ऐंठते हैं। उनका परीक्षण करने के लिए यह सूक्ति पर्याप्त है 'देव एक बार बोलता है, दुबारा नहीं बोलता ।' आज के परिप्रेक्ष्य में हम देखते हैं कि झूठे देव भी बहुत पैदा हो गये हैं जो हर समस्या का समाधान तुरन्त कर देते हैं। यह नियम है कि यदि देव से प्रश्न पूछा जाये तो वह एक बार उत्तर देता है परन्तु पुनः पूछने पर उत्तर नहीं देता । यदि कोई दोबारा उत्तर दे रहा है तो समझना कि वह देव नहीं है । हम सभी बड़ी मुश्किल से धार्मिक क्रियाओं में इतना समय लगाते हैं और उसमें भी यदि मिथ्यात्त्व वश पाप बंध ही हो तो हम तो कहीं के नहीं रहे। वास्तव में 66 -स्वरूप देशना विमर्श Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004155
Book TitleSwarup Deshna Vimarsh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishuddhsagar
PublisherAkhil Bharatiya Shraman Sanskruti Seva samiti
Publication Year
Total Pages264
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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