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________________ सदाबहार प्रसन्न रखना दिमाग को नकारात्मक भावों से बचाए रखने - का सबसे सरल तरीक़ा है। यदि कोई कहे कि मुझे चिंता बहुत सताती है तो मैं कहूँगा कि तुम चिंता की चिंता छोड़ो और हर हाल में मस्त रहना सीखो। यदि कोई कहे कि उसे क्रोध बहुत आता है तो मैं कहूँगा कि तुम हर हाल में मुस्कुराते रहो। क्रोध स्वतः काफूर हो जाएगा। __ मस्त और प्रसन्न रहना तो जीवन की सबसे बडी पॉजिटिवनेस है। सदा हंसमुख और मस्त रहने वाला आधी दिमागी समस्याओं से तो खुद ही मुक्त हो जाता है। अपने आप को बच्चा ही बना लो। जैसे बच्चा हर वक्त मस्त रहता है वैसे ही मस्त रहो। चाहे कोई जन्मे या मरे, घाटा लगे या मुनाफ़ा, अपना राम तो अपने में मस्त। __गाँधी जी से जब किसी ने कहा कि आप बकरी का दूध पीते हैं। पशु का दूध पीने से तो आदमी में पशुता आती है। गाँधी जी ने तपाक से कहा, दूर हट, नहीं तो अभी सींग मार दूंगा। देखा मस्ती। तुम भी ऐसे ही मस्त रहो।खुद को लाफिंग बुद्धा बना लो। मैं भी लाफिंग बुद्धा हूँ आप भी लाफिंग बुद्धा बन जाओ। लाफिंग बुद्धा यानी हंसता-मुस्कुराता बोधपूर्वक जीने वाला इंसान। यह सब तभी संभव है जब आप अपने नज़रिए को जीवन के प्रति बहुत अच्छा, बहुत उमंग भरा और बहुत सकारात्मक बनाएँगे। जीवन में नज़रिए की बड़ी अहमियत है। अच्छा नज़रिया आदमी के जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है और बुरा नज़रिया आदमी की सबसे बड़ी बदकिस्मती है। नज़रिया अच्छा हो तो जीवन हीरों की खान नजर आता है। नज़रिया अगर बेकार हो तो सड़क पर चलना भी बोझ बन जाता है। घटिया नज़रिये वाले लोग ही स्कूटर के सीट कवर पर ब्लेड चलाते हैं । अस्पतालों में भी दीवारों पर पीक थूकते हैं। अपने 67 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003956
Book TitleKaise Banaye Aapna Career
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2012
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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