SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 10
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ घर को कैसे स्वर्ग बनाएं ? &0000MARA-NAMAR ख़ुशहाल परिवार धरती का स्वर्ग है। यदि कोई पूछे कि स्वर्ग का सुकून कहाँ है तो ज़वाब होगा - वहाँ, जहाँ भाई-भाई हिल मिलकर रहते हैं। अगर कोई यह जानना चाहे कि दुनिया का नरक कहाँ है तो ज़वाब होगा - वहाँ, जहाँ भाई-भाई कुत्ते-बिल्ली की तरह आपस में लड़ते-झगड़ते हैं। माता-पिता के जीते-जी संतानों का अलग हो जाना पारिवारिक दृष्टि से पाप का उदय है, पर माता-पिता की सेवा में संतानों के द्वारा अपने स्वार्थों का त्याग करना निश्चय ही पुण्य का उदय है। खुशहाल परिवार और घर सभी को अच्छा लगता है। हर घर और परिवार का वातावरण ऐसा हो कि सुबह ईद का त्यौहार, दोपहर में होली का फाल्गुनी पर्व और ढलती साँझ में दीवाली का सुख-सुकून हो। अलसुबह भाई-भाई, देवरानी-जेठानी आपस में गले मिलते हैं और माता-पिता के चरण छूने का आनंद लेते हैं उनकी सुबह ईद का त्यौहार है। जिस घर में दोपहर के समय सास-बहू, पिता-पुत्र, भाई-बहिन, देवरानी-जेठानी एक साथ बैठकर भोजन करते हैं, अपना प्रेम एक दूसरे को समर्पित करते हैं, उनकी दोपहर होली का उत्सव है। जहाँ साँझ ढलने पर, घर से बाहर गए 19 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003879
Book TitleGhar ko Kaise Swarg Banaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2012
Total Pages146
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy