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________________ सवाल यह है कि वहाँ मुझे नौकरी पाने से कौन रोकेगा? जिस व्यक्ति के पास अपनी प्रतिभा होती है वह चाहे देश में रहे चाहे विदेश चला जाए वह जहाँ भी रहेगा हर जगह इज़्ज़त पाएगा, समृद्धि के ख़ज़ाने खोलेगा और अपने माँ-बाप का नाम भी रोशन करेगा। जिनके पास अपना टेलेंट नहीं होता, अपना टारगेट नहीं होता वे लोग ही या तो ट्रेनों में भर-भर कर सरकारी नौकरियों को पाने के लिए मोहताज़ रहा करते हैं, या फिर समाज के सामने जाकर अपने लिए चंदा या दान माँगा करते हैं। जिनके पास अपना टेलेंट होता है, अपनी प्रतिभा होती है, वे तो जहाँ रहेंगे वहाँ कमाएँगे; जहाँ जाएँगे वहाँ स्थापित होंगे । जैसे सोने का सिक्का भारत में सोने का सिक्का कहलाएगा, वैसे ही कोई व्यक्ति अगर उसे यूरोप लेकर जाएगा तो वहाँ भी वह सोने का सिक्का कहलाएगा। मेरे भाई! अपनी जिंदगी में अगर कुछ बनना है तो अपने टेलेंट को जगाओ ! तुम हज़ार का नोट बनो। अगर मैं आपसे पूछूं कि मैं आप सारे लागों को एक-एक हज़ार का नोट देना चाहता हूँ। कितने लोग ले लेना चाहेंगे? शायद सारे ही लोग ले लेना चाहेंगे। हज़ार का नोट भला कौन छोड़ेगा ? हज़ार का नोट मानो कि मेरे हाथ में है और मैंने उस हज़ार के नोट को हाथ में लेकर मुट्ठी में बिल्कुल तोड़ मरोड़ दिया, मुट्ठी में बाँधकर उसे सलों में भर दिया है, पर ज़रा मुझे बताओ कि जिस नोट को मैंने मरोड़ दिया है, उस नोट की अब क़ीमत कितनी होगी? एक हज़ार। एक नोट जो बिल्कुल न्यू ब्रांड था लेकिन मैंने उसको मुट्ठी में डाला, मरोड़ डाला फिर भी उसकी क़ीमत एक हज़ार की ही रहेगी, वही हज़ार का नोट अगर नीचे ज़मीन पर डाल दूँ और उसके ऊपर मिट्टी डाल दूँ, दो घंटे के बाद मिट्टी हटाऊँ और वह नोट निकालूँ तो उसकी क़ीमत कितनी रहेगी? एक हज़ार । जिंदगी में यही तो सीखने की बुनियादी बात है कि अपने-आप को हज़ार का नोट बना लो ताकि कोई प्रिंसिपल की तरह मरोड़ डाले तब भी तुम्हारी क़ीमत वही रहे और अगर कोई मिट्टी डाल दे तब भी तुम्हारी क़ीमत वही रहे, तुम्हारी क़ीमत कभी कम नहीं होनी चाहिए । अमीर आदमी तभी तक पूछा जाएगा, जब तक उसके पास पैसा रहेगा और एक मुख्यमंत्री की पूछ तभी तक रहेगी, जब तक वह पद पर रहेगा, लेकिन जिसके पास अपना टेलेंट है, अपनी प्रतिभा है, वह चाहे पद पर रहे चाहे पद से उतर जाए; उसकी क़ीमत उस हज़ार के नोट जैसी ही बनी रहेगी । Jain Education International For Personal & Private Use Only - | 51 www.jainelibrary.org
SR No.003864
Book TitleKaise Khole Kismat ke Tale
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2012
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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