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________________ उस लेक्चरार को अपने पास बुलाया और कहा – ये ज़रा रोल नम्बर नोट कर लो, इस कॉलेज के मालिक के बेटे के नम्बर हैं। ज़रा इसकी कॉपी को ध्यान से देख लेना और अगर कहीं कोई कमी लगे तो पूरी कर देना। हालाँकि सुनते ही वह सन्नाटे में आ गया कि कॉलेज के प्रिंसिपल इस तरह की टिप्पणी कर रहे हैं, पर वह मौनपूर्वक निकल पड़ा और जब परीक्षा के परिणाम आए तो प्रिंसिपल यह देखकर चौंक पड़े कि कॉलेज के मालिक का बेटा अनुत्तीर्ण घोषित किया गया। प्रिंसिपल थोड़ा-सा ताव में आया और उसने झट से उसी लेक्चरार को अपने पास बुलाया और कहा – मैंने तुमसे कहा था कि कॉलेज के मालिक के बेटे की कॉपी ज़रा ढंग से चैक कर लेना और कोई कमी हो तो दूर कर देना, पर तुमने ऐसा नहीं किया। लेक्चरार बोला - सर ! मैंने बिल्कुल बराबर कॉपी चैक की है और जितने अंक पाने का वह हक़दार था, मैंने उसे बिल्कुल उतने ही नम्बर दिए हैं। प्रिंसिपल ने कहा - क्या तुम्हें पता है कि अगर तुमने कॉलेज के मालिक के बेटे को अनुत्तीर्ण कर डाला तो तुम्हारी नौकरी चली जाएगी? लेक्चरार मुस्कुराया और कहने लगा कि सर, मुझे पहले से ही पता था कि अगर मैंने सही-सही अंक दिए तो कॉलेज से मेरी नौकरी जा सकती है। प्रिंसिपल ने कहा - जब तुम्हें पता है कि नौकरी जा सकती है तो फिर तुमने ऐसा क्यों किया? तुम्हें इसे अंक बढ़ाकर दे देने चाहिए। अब भी कॉपी ले जाओ और नम्बर बढ़ाकर नया प्रमाण-पत्र तैयार कर दो। उसने कहा - सर! माफ करें, मैं ऐसा करके उन विद्यार्थियों के साथ अन्याय नहीं कर सकता जिन्होंने साल भर मेहनत की है। प्रिंसिपल ने कहा – तो फिर तुम्हें नौकरी से जाना पड़ेगा। लेक्चरार बोला - सर ! मुझे पहले से ही पता था इसलिए मैं अपना इस्तीफा अपने साथ लेकर आया हूँ। प्रिंसिपल ने कहा - बेवकूफ़! तू अपना इस्तीफा तो लेकर आया है, एक छोटी-सी बात के चक्कर में तू इतनी अच्छी नौकरी को छोड़कर जा रहा है। अरे, मैं था जो मैंने तुम्हें नौकरी दिला दी।आज की तारीख में नौकरी मिलती कहाँ है? और तू मेरे ही विरोध में जा रहा है? अरे ज़रा सोच कि अगर तू यहाँ से नौकरी छोड़कर चला गया तो आखिर जाएगा कहाँ? दर-दर की भीख माँगता फिरेगा। उसने कहा -सर, माफ़ कीजिए, आज सुबह ही मैंने निर्णय कर लिया है कि जब मैं यहाँ नौकरी से छूट्रॅगा तो छूटते ही सबसे पहले अमेरिका जाऊँगा। प्रिंसिपल बोले - अमेरिका? प्रिंसिपल ने कहा कि तू अमेरिका तो चला जाएगा, परन्तु वहाँ तुम्हें नौकरी कौन देगा? लेक्चरार ने कहा - सर, माफ़ कीजिएगा सवाल यह नहीं है कि वहाँ मुझे नौकरी कौन देगा? 50 | Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003864
Book TitleKaise Khole Kismat ke Tale
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2012
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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