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________________ पुढवीए नेरइयनपुंसगा असंखेज्जगुणा अंतरदीवगअकम्मभूमगमणुस्सनपुंसगा असंखेज्जगुणा देवकुरुउत्तरकुरुअकम्मभूमगमणुस्सनपुंसगा दोवि संखेज्जगुणा एवं जाव विदेहत्ति ईसाणेकप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा ईसाणेकप्पे देवत्थियाओ संखेज्जगुणाओ सोधम्मेकप्पे देवपुरिसा संखेज्जगुणा सोहम्मेकप्पे देवित्थियाओ संखेज्जगुणाओ भवणवासिदेवपुरिसा असंखेज्जगुणा भवणावासिदेवित्थियाओ संखेज्जगुणाओ इमीसे रयण-प्पभाएपुढवीए नेरइयनपुसंगा असंखेज्जगुणा खहयरतिरिक्खजोणियपुरिसा संखेज्जगुणा खहयरतिरिक्ख-जोणित्थियाओ संखेज्जगुणाओ थलयरतिरिक्खजोणियपुरिसा संखेज्जगुणा थलयरतिरिक्खजोणित्थियाओ संखेज्जगुणाओ जलयरतिरिक्खजोणियपुरिसा संखेज्जगुणा जलयरतिरिक्खजोणित्थियाओ संखेज्जगुणाओ वाणमंतरदेवपुरिसा संखेज्जगुणा वाणमंतरदेवित्थियाओ संखेज्जगुणाओ जोतिसियदेवपुरिसा संखेज्जगुणा जोतिसियदेवित्थियाओ संखेज्जगुणाओ खहयरपंचेंदियतिरिक्खजोणियनपुंसगा असंखेज्जगुणा थलयरनपुंसगा संखेज्जगुणा जलयरनपुंसगा संखेज्जगुणा चतुरिंदियनपुंसगा विसेसाहिया तेइंदियनपुंसगा विसेसाहिया बेइंदियनपुंसगा विसेसाहिया तेउक्काइयएगिंदियतिरिक्खजोणियनपुंसगा असंखेज्जगुणा पुढविक्काइनपुंसगा विसेसाहिया आउक्काइएनपुंसगा विसेसाहिय वाउक्काइयनपुंसगा विसेसाहिया वणस्सतिकाइयनपुंसगा अनंतगुणा । [७१] इत्थीणं भंते केवतियं कालं ठिती पन्नत्ता गोयमा एगेणं आएसेणं जहा पुव्विं भणियं एवं पुरिस्सवि नपुंसगस्सवि संचिट्ठणा पुणरवि तिण्हंपि जहा पुव्विं भणिया अंतरंपि तिण्हंपि जहा पुव्विं भणियं [ता नेयव्वं ] | [७२] तिरिक्खजोणित्थियाओ तिरिक्खजोणियपुरिसेहिंतो तिगुणाओ तिरूवाहियाओ मस्सित्थियाओ मणुस्सपुरिसेहिंतो सत्तावीसतिगुणाओ सत्ताविसतिरूवाहियाओ देवित्थियाओ देवपुरिसेहिंतो बत्तीसइगुणाओ बत्तीसइरूवाहियाओ सेत्तं तिविधा संसारसमावण्णगा जीवा प. । [७३] तिविहेसु होइ भेओ ठिई य संचिट्ठणंतरप्पबहुं । वेदाण य बंधठिती वेओ ह किंपगारो उ || मुनि दीपरत्नसागरेण संशोधिताः सम्पादिताश्च बीइआ पडिवत्ति समत्ता • तच्चापडिवत्ती-चउव्विहपडिवत्ती • [] "नेरइय"- पढमो उद्देसो [७४] तत्थ जेते एवमाहंसु चउव्विधा संसारसमावण्णगा जीवा पन्नत्ता ते एवमाहंसु तं जहा- नेरइया तिरिक्खजोणिया मणुस्सा देवा । [७५] से किं तं नेरइया नेरइया सत्तविधा पन्नत्ता तं जहा- पढमापुढविनेरइया जाव सत्तमापुढवीनेरइया । o o [७६] पढमा णं भंते पुढवी किंनामा किंगोत्ता पन्नत्ता गोयमा धम्मा नामेणं रयणप्पभा गोत्तेणं दोच्चा णं भंते पुढवी किंनामा किंगोत्ता पन्नत्ता गोयमा वंसा नामेणं सक्करप्पभा गोत्तेणं एवं व पडिवत्ति - ३ एत्तेणं अभिलावेणं सव्वासिं पुच्छा नामाणि इमाणि सेलातच्चा अंजणाचउत्थी रिट्ठापंचमी मधाछट्ठी माधवतीसत्तमा जाव तमतमा गोत्तेणं पन्नत्ता । [दीपरत्नसागर संशोधितः ] [24] [१४- जीवाजीवाभिगमं ]
SR No.003727
Book TitleAgam 14 Jivajivabhigam Taiam Uvvangsuttam Mulam PDF File Without Correction
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2012
Total Pages152
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 14, & agam_jivajivabhigam
File Size3 MB
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