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________________ १०२० मिसमिसेमाण (दे० ) ज ३२६,३६,४७,१०७, १०६,१३३ उ १।२२,५७,८२,११५,१४० मिस्स (मिश्र) प ११४७२ मिस्केसी (मिश्रकेशी ) ज ५१११११ मिस्साकूर ( मिथिाकूर) सू १०/२० महिला (मिथिला) १ १।९३।३ ज ११२,३, ७।२१४ चं ६ से ८ सू १।१ से ३ उ ३१७१ मिहूण (मिथुन) ज २११२१४१३,२५ उ ५।५ मीसग ( मिश्रक ) प ३२२६१ मोसजोणि ( मिश्रयोति ) प ६।१६ मोसजोणिय ( मिश्रयोनिक ) प ६।१६ मोस ( मिश्रक) ज २।६५,६६ मीसाहार ( मिश्राहार) प २८।१,२ मीसिया ( मिश्रित ) प ९११३ से १७ मुइंग ( मृदंग ) प २१३०,३१,४१,४६, ३३।२४ ज ११४५३११२,२८,४१,४६,५८,६६,७४, ७८,८२, १४७, १६८, १८०, १८५, १८७, २०६, २१२,२१३,२१८, ५११, ५, १६७ ५५,५८, १८४ सू १८।२३; १६१२३,२६ इंगपुर (मृदंगपुष्कर ) ज २११२७ √ मंच (मुच्) मोच्छिहिति ज २११३१ पाउयार (पादुकाकार ) प १६७ मुंड (मुण्ड ) प २०१७,१८ २१६४,६७,८५,८७ उ ३।१३,१०६ से १०८,११२,११८,१३६, १३८, १३६४।१४,१२,५१३२ भाव (मुण्डभाव ) उ५।४३ मुंडि ( मुण्डिन् ) ज ३११७८ मुक्क (मुक्त) प २१३०,३१,४१ ज २११०,१५; ३७,८८,४।१६६१५७ मुक्केलम (दे० ) प १२८ से १३,१६,२०,२१, २३,२४,२७,२८,३१ से ३३ मुक्केलय (दे० ) प १२७ से १०,१६,२०,२४, २७, २८,३६ मुसुंद (मुकुन्द ) ३३१ मुग्ग (मुद्रा) प ११४५।१ ज २१३७३।११६ मुग्गचष्ण ( मुद्गचूर्ण) प १११७६ Jain Education International मिसि मिसेमाण- मुद्दा सुगपण्णी ( मुद्गपर्णी ) प ११४८५ मुसिंगा (मुद्ग 'सिंगा' ) प ११७८ मूंग की फली मुग्गसूव ( मुद्गसूप) सू १०।१२० √ मुच्च (मुच्) मुच्चइ प ३६८८ मुच्चति प ६३११० १२२,५०,२१५८, १२३, १२८; ४११०१ उ ३।१४२ मुच्चति प ३६।९१ मुच्चि हिइ उ १।१४१, ३०४६,५१४३ मुच्चिहिति २।१५१ मुच्चेज्जा प २०१८ मुच्छिय ( मूच्छित ) ज ५।२६ उ ११४७३।११४, ११५,११६ मुट्ठि ( मुष्टि) ज २१४१ से १४५;३।११५, ११६,१२२,१२४ मुट्ठिय (मौष्टिक, मुष्टिक ) ज २१३२, ५, ५ मुगाल ( मृणाल ) प ११४६, ११४८१४२२२६४ ३११०६ ४१३, २५ मुणालिया (मृणालिका) २३१ मुणेयश्व ( ज्ञातय ) प १३८ ३ २ ४०६,११; १५११४३ ज ४।१४२१३,७११३४१४ सू १६२२ ११,२२ मुक्त (मुक्त) ६८६ ३७६, ११६, ११७, २२५; ५१५,२१,४६ मुक्त (मूत्र) उ ३।१३०.१३१,१३४ मुक्तजाल (मुक्तजाल) ज ३११७७ मुत्तमाण (मुत्रयत् ) उ ३।१३०,१३१,१३४ मुसा ( मुक्ता ) ज ४।२७ मुत्ताजाल (मुक्ताजाल ) ज ३१३०,४७,२२२ मुक्तादास ( मुक्तादामन् ) ज ५३८ मुक्तालय (मुक्तालय ) प २१६४ मुक्तावलि (मुक्तावलि) ज ३।२११,४१२३,३८, ६५,७३,६०,६१ मुक्ति (मुक्ति) प २१६४ ज २०७१ मुत्तियाजालय (मौक्तिकजालक) ज ३।१०६ मुत्तिसुह ( मुक्तिसुख ) प २२६४११५ मुत्तोली (दे० ) ज ३११०६ मुद्दा (मुद्रा) प २१३१ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003572
Book TitleAgam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Jambuddivpannatti Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages617
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_jambudwipapragnapti
File Size12 MB
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