SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 337
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अणाहारय-अणुत्तर ५२१ से ११०,११२,११४ से ११६,११५११६, १२१,१२३ मे १२५,१३०,१३१,१३६ से १३६,१४१,१४२ अणाहारय (अनाहारक) प १८९७ से १०३; २८।१०६ से १०८,१११,११३,११७,११६, १२०,१२२,१२५,१२७ से १२६,१३२,१४३ अणिद (अनिन्द्र) प १६०,६३ ।। अणिदिय (अनिन्द्रिय) प ३।४०; १३१६; १८११७ अणिदिया (अनिन्दिता) ज ५११ अणि क्खित्त (अनिक्षिप्त) उ० ३५० अणिगण (अनग्न) ज २०१३ अणिच्चजागरिया (अनित्यजागरिका) उ० ३१५५ अणिच्छियत्त (अनिष्टत्व) प २८।२४ अणिज्जिण्ण (अनिर्जीर्ण) प ३६८२ अणिट्ठ (अनिष्ट) प २३।२० ज २११३३ अणितरिया (अनिष्टतरका) ११७४१२३ से १२५,१३० से १३२ अणिद्वत्त (अनिष्टत्व) १२८१२ अणिट्ठस्सर (अनिष्टस्वर) ज २११३३ अणिट्ठस्सरता (अनिष्टस्वरता) प २३।२० अणिढि (अद्धि) प ६१६८२११७२ अणिढिपतारिय (अनद्धिप्राप्तार्य) प ११६०,६२, १२६ अणित्थंथ (अनित्यंस्थ) प २१६४३६ अणिदा (दे०) १३५।१।१,३५१६ अणिदाया (दे०) प ३५११७ मे २०,२२,२३ अणिमिस (अनिमेष) ज ५।६७ अणिय (अनीक) १३० मे ३३,३५,४१,४३,४८ से ५१ ज ११४५, २१६०३१२५५१,१६, ४३,४४,५०,५६, सू १८१२३ अणियट्टि (अनिवृत्ति) मू २०१८,२०1८1८ अणियत (अनियत) सू ११२६ अणियय (अनियत) प १७२० अणियाधिवति (अनीकाधिपति) प २।३७ में ३३ ४१,४३,४८ से ५१ अणियाहिव (अनीकाधिप) ज ४।१५२२ अणियाहिबई (अनीकाधिपति) ज ११४५; १९० ४।१६,१५१,५१,१६,३६,४३,४८,५०,५२, ५३,५६ मू १८।२३ अणियाहिवति (अनीकाधिपति) प १३० अणिल (अनिल) ज २१६८ अणिवारिय (अनिवारित)उ ३.११६४१२२ अणीय (अनीक) उ १११४६; १४७ अणु (अणु) प १११६४,६५,६६।१२८।१४,१५, ६०,६१ ज ७१४३,५०,१६८ मू ६।१६।२; १७१,१८१२,३, १६२१ अणुउ (अन्तु) सू १०११२६।३ अणुकतनुक (दे०) ज ३.१०६ अणुगंतव्य (अनुगन्तव्य) ५११४८; १४०१५१५५ ज ७।१३४ 4 अणुगच्छ (अनु गम्) अणुगच्छइ ज ३१६:५।२१ उ ३।१०१ अणुगच्छति ज ३१०,११,५१,८६,८७ अणुगच्छति प १६१४८ अणुगच्छमाण (अनुगच्छत् ) ज ३।१८,३१,१८० अणुगच्छित्ता (अनुगम्य) ज ३१६ उ ३११०१ अणुगम्ममाण (अनुगम्यमान) उ ३११३० अणुगिण्हमाण (अनुगृण्हान) उ ११०७,१०८ 4 अणुचर (अनु+चर) ___ अणुचरंति सू १६।२२।११ अणुचरंत (अनुचरत्) सू १९४२२।११ अणुचरिय (अनुचरित) ज ३।१२,२८,४१,४६,५८ ६६,७४,१४७,१६८,२१२,२१३ 1 अणुजाण (अनु-ज्ञा) अणुजाणउ उ ३१५१ अणुजाय (अनुयात) ज ३।२२,३५,३६ अणुडिया (अनुतटिका) र १११७७ अणुतष्ठियाभेद (अनुतटिकाभेद) प ११७७,७६ अणुडियाभेय (अनुतटिकाभेद ) 4 १११७३ अणुत्त (अणुत्व) ज ७।१६६ सू १८।३ अणुत्तर (अनुतर) परा२७,२७।८।४६,६३; Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003572
Book TitleAgam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Jambuddivpannatti Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages617
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_jambudwipapragnapti
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy