SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 933
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ८५६ उत्तरडभरह-उत्तरिल्ल उत्तरड्ढभरह (उत्तरार्द्धभरत) ज १११६,४७ से ५१,३।१०३,११३; ४।३५ उत्तरड्ढभरहकूड (उत्तरार्द्धभरतकूट) ज ११३४ उत्तरलवणसमुह (उत्तरलवणसमुद्र) ज ४।२७७ उत्तरडढलोकाहिवइ (उत्तरार्द्धलोकाधिपति) ज ५१४८ उत्तरण (उत्तरण) ज ३७६,११६ उत्तरदारिया (उत्तरद्वारिका) सू १०।३१ उत्तरदाहिण (उत्तरदक्षिण) ज १।२४;४।१०६, १६४,१६७,१६६,१७८,१८०,१८१,१८५, १८७,१६१,१६६ से २०१,२०३,२०६,२१५, २४५,२४८,२५१,२५२ सू ८।१ उत्तरदाहिणायया (उत्तरदक्षिणायता)ज ११२४; ४।१०३,१६२,१६७,१६६,१७८,१८५,१८७, १६१,२००,२०३,२४५,२५१ उत्तरद्ध (उत्तरार्द्ध) ज ६१ उत्तरद्धभरह (उत्तरार्द्ध भरत) ज ११२३ उत्तरपच्चस्थिम (उत्तरपाश्चात्य) प ३।१७६,१७८ ज ३१४३,४४,४।१०३,१०६,१५०,२२४,२३१, २३२ सू २।१२०१२ उत्तरपच्चथिमिल्ल (उत्तरपाश्चात्य) ज ४।२३८ सू १।१६; २।१;२०१२ उत्तरपाईण (उत्तरप्राची) ज ३।१२६ उत्तरपुरस्थिम (उत्तरपौरस्त्य) प ३।१७६,१७८ ज ११३,३१६०,६१,१३०,१३१,१४०,१४१, १६१,१६२,२०४,२०८,४।१७,१२०,१३६, १३६,१५०,१५४,१६२ से १६४,२२१,२२६, २३३,२३६,५५,७,३६,४४,५५ च ७ स १२ २०१२ उ ३।११३, ४।२०, ५१५ उत्तरपुरथिमिल्ल (उत्तरपौरस्त्य) ज ४।१५६, २३७,२३८,५।४८,४६ सू १११६ उत्तरपोट्टवया (उत्तरप्रोष्ठपदा) ज ३।२०६ सू १०।६४ उत्तरफागुणी (उत्तरफल्गुनी) ज ७।१२८,१२६, उत्तरभद्दवया (उत्तरभद्रपदा) ज ७।१२८,१२६, १३६,१३६,१४२ उत्तरवेउव्विय (उत्तरवैऋयिक) प १५.१८,१६3 २१।५८,५६,६१,६५ से ६७,७०,३४।१६,२१ से २३ ज ३।२०६५॥४१ उत्तरवेयड्ढ़ (उत्तरवताढय) ज ३८१ उत्तरा (उत्तर) सू १०।३२,४५,६०,६२,१२०, १५३,१५५,१५६,१५८,१११२,४ से ६ १२।२४ से २८ ज ७।११३ उ ३१५५,६३,६५, ६७,७०,७४ उत्तरापोवया (उत्तरप्रोष्ठपदा) सू १०१५,६,२१, २३,६५,७५,८३,६७,१३१ से १३५ उत्तराफग्गुणी (उत्तरफल्गुनी) ज ७।१४०,१४८, १५१,१६३,१६४ सू १०।२ से ६,१५,२३,७०, ७१,७५,८३,११०,१३१ से १३३ उत्तराभद्दवया (उत्तरभद्रपदा) ज ७।१४६,१५७, १५८ सू १०।२ से ६,१३१ उत्तराभिमुह (उत्तराभिमुख) उ ३१५५,६३,६७, ७०,७३ उत्तरासंग (उत्तरासङ्ग) ज ३१६,५।२१ उत्तरासाढा (उत्तराषाढा) ज २।७१,८५,७।१२८, १३०,१३६,१४०,१४६,१५६,१६७ सू १०१ से ६,१६,२३,५४,६२,६३,७४,८३,११६, १२२,१२३,१३० से १३५,१५।६,१२ उत्तरिज्ज (उत्तरीय) ज ३।६,२२२ उत्तरित्तु (उत्तीर्य) ज १।१८१ उत्तरिय (औत्तरिक) प ३६।२१,२२,२४,२६,२७, ४६ उत्तरिल्ल (औदीच्य) प २।३३,३६,३६,४०,४४, ४७; १६॥३४ ज १।२६, २।११६,३।१०२, १०६,१३३,१३७,१५४ से १५७,२०५,२१५, २२०;४।३८,४२,७३,७७,६१,६४,१७२, १६६ से २०२,२०६,२०७,२१२,२३२,२३३, २३८,२४८,२५१;५।११,१४,४४,४५,४६,५२, ७।१७८ उ ३६१ १३६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003555
Book TitleUvangsuttani Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages1178
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy