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________________ २७०] [प्रज्ञापना सूत्र पोग्गलत्थिकाय-अद्धासमयाणं पदेसट्ठयाए कतरे कतरेहितो अप्या वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा? गोयमा! धम्मत्थिकाए अधम्मत्थिकाए य एते णं दो वि तुल्ला पदेसट्ठायाए सव्वत्थोवा १, जीवत्थिकाए पदेसट्ठताए अणंतगुणे २, पोग्गलत्थिकाए पदेसट्ठाए अणंतगुणे ३, अद्धासमए पदेसट्टयाए अणंतगुणे ४, आगासत्थिकाए पदेसटुताए अणंतगुणे ५। [२७१ प्र.] हे भगवन् ! धर्मास्तिकाय, अधर्मास्तिकाय, आकाशास्तिकाय, जीवास्तिकाय, पुद्गलास्तिकाय और अद्धासमय; इन (द्रव्यों) में से प्रदेश की अपेक्षा से कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ? __[२७१ उ.] गौतम! १. धर्मास्तिकाय और अधर्मास्तिकाय, ये दोनों प्रदेशों की अपेक्षा से तुल्य हैं और सबसे थोड़े हैं, २ (इनकी अपेक्षा) जीवास्तिकाय प्रदेशों की अपेक्षा से अनन्तगुण हैं, ३. (इसकी अपेक्षा) पुद्गलास्तिकाय प्रदेशों की अपेखा से अनन्तगुण है, ४. (इसकी अपेक्षा) अद्धा-समय (काल) प्रदेशापेक्षया अनन्तगुण है; ५. (इससे) आकाशास्तिकाय प्रदेशों की दृष्टि से अनन्तगुण है। २७२. [१] एतस्स णं भंते! धम्मत्थिकायस्स दव्वट्ठ-पदेसट्ठताए कतरे. कतरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा? गोयमा! सव्वत्थोवा एगे धम्मत्थिकाए दव्वट्ठताए, से चेव पदेसट्ठताए असंखेज्जगुणे। [२७२-१ प्र.] भगवन् ! इस धर्मास्तिकाय के द्रव्य और प्रदेशों की अपेक्षा से कौन किनसे अल्प, बहुत तुल्य अथवा विशेषाधिक है। . [२७२-१ उ.] गौतम! १. सबसे अल्प द्रव्य की अपेक्षा से एक धर्मास्तिकाय (द्रव्य) है और २. वही प्रदेशों की अपेक्षा से असंख्यातगुणा है। [२] एतस्स णं भंते! अधम्मत्थिकायस्स दवट्ठ-पदेसट्ठताए कतरे कतरेहितो अप्या वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा! सव्वत्थोवा एगे अधम्मत्थिकाए दवट्ठताए, से चेव पदेसट्ठताए असंखेज्जगुणे । [२७२-२ प्र.] भगवन् ! इस अधर्मास्तिकाय के द्रव्य और प्रदेशों की अपेक्षा से कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक है ? [२७२-२ उ.] गौतम! १. सबसे अल्प द्रव्य की अपेक्षा से एक अधर्मास्तिकाय (द्रव्य) है; और २. वही प्रदेशों की अपेक्षा से असंख्यातगुणा है। __ [३] एतस्स णं भंते! आगासत्थिकायस्स दव्वट्ठ-पदेसट्ठताए कतरे कतरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा! सव्वत्थोवा एगे आगासत्थिकाए दव्वट्ठताए, से चेव पदेसट्ठताए अणंतगुणे।
SR No.003456
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 01 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorShyamacharya
AuthorMadhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1983
Total Pages572
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_pragyapana
File Size12 MB
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