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तृतीय बहुवक्तव्यतापद]
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गोयमा! सव्वत्थोवा वेंदिया पज्जत्तगा, बेंदिया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा।
[२३०-३ प्र.] भगवन्! पर्याप्तक और अपर्याप्तक द्वीन्द्रिय जीवों में कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य या विशेषाधिक हैं?
[२३०-३ उ.] गौतम! सबसे कम द्वीन्द्रिय पर्याप्तक हैं, (उनसे) द्वीन्द्रिय अपर्याप्तक असंख्यातगुणे
हैं।
[४] एतेसि णं भंते! तेइंदियाणं पज्जत्ताऽपज्जत्ताणं कतरे कतरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ?
गोयमा! सव्वत्थोवा तेंदिया पज्जत्तगा, तेंदिया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा।
[२३०-४ प्र.] भगवन् ! इन त्रीन्द्रिय पर्याप्तक और अपर्याप्तक जीवों में कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ?
[२३०-४ उ.] गौतम! सबसे थोड़े त्रीन्द्रिय पर्याप्तक हैं, (उनसे) त्रीन्द्रिय अपर्याप्तक असंख्यातगुणे
[५] एतेसि णं भंते! चरिंदियाणं पज्जत्ताऽपज्जत्ताणं कतरे कतरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ?
गोयमा! सव्वत्थोवा चरिंदिया पज्जत्तगा, चउरिंदिया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा।
[२३०-५ प्र.] भगवन् ! इन चतुरिन्द्रिय पर्याप्तक और अपर्याप्तक जीवों में कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ?
[२३०-५ उ.] गौतम! सबसे थोड़े चतुरिन्द्रिय पर्याप्तक हैं, (उनसे) चतुरिन्द्रिय अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं। _ [६] एएसि णं भंते! पंचेंदियाणं पज्जत्ताऽपज्जत्ताणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ?
गोयमा! सव्वत्थोवा पंचेंदिया पन्जत्तगा, पंचेंदिया अप्पज्जत्तगा असंखेज्जगुणा ।
[२३०-६ प्र.] भगवन् ! इन पर्याप्तक और अपर्याप्तक पंचेन्द्रिय जीवों में कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ?
[२३०- उ.] गौतम! सबसे अल्प पर्याप्तक पंचेन्द्रिय जीव हैं, उनसे अपर्याप्तक पंचेन्द्रिय जीव असंख्यातगुणे हैं।
२३१. एएसि णं भंते! सइंदियाणं एगिंदियाणं बेंदियाणं तेंदियाणं चउरिंदियाणं पंचेंदियाणं पज्जत्ताऽपज्जत्ताणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ?
गोयमा! सव्वत्थोवा चरिंदिया पज्जत्तगा १, पंचेंदिया पज्जत्तगा विसेसाहिया २, बेंदिया