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________________ 48 क्रिया, परिणाम और अभिप्राय : एक अनुशीलन छिपकर वार करता है। अच्छे-अच्छे बुद्धिमान लोग भी ठग के जाल में फँसकर लुट जाते हैं, क्योंकि वह छिपा हुआ गद्दार है। ____ मैं अपने विद्यार्थी जीवन में 15 अगस्त और 26 जनवरी के दिन एक. देशभक्ति गीत सुना करता था; जिसकी निम्न पंक्तियाँ स्मृति पटल पर सदैव अंकित रहती हैं : बिगुल बज रहा आजादी का गगन गूंजता नारों से, मिला रही है आज देश की मिट्टी नजर सितारों से, एक बात कहनी है लेकिन आज देश के प्यारों से, जनता से नेताओं से फौजों की खड़ी कतारों से। सम्हल के रहना अपने घर में छिपे हुये गद्दारों से ॥ कवि ने स्वतंत्रता दिवस के गौरवशाली प्रसंग में देश की मिट्टी में भी सितारों से नजर मिलाने योग्य स्वाभिमान की बात कहकर 'लेकिन' लगाते हुये घर में छिपे हुये गद्दारों से सम्हलकर रहने की चेतावनी दी है। आजादी के बाद के भारतीय इतिहास में भी कवि की यह चेतावनी सत्य की कसौटी पर खरी उतरती है। आजादी के बाद सन् 1962 में हम जिसे मित्र समझते थे उसी ने हम पर हमला करके अपनी गद्दारी का परिचय दिया था। शत्रु को मित्र समझने की मिथ्या मान्यता के कारण ही हमें पराजित होना पड़ा, परन्तु उसके बाद सन् 1965 और 1971 में हमारे दूसरे पड़ौसी ने आक्रमण किया, लेकिन वह बुरी तरह पराजित हुआ, न केवल पराजित हुआ बल्कि उसके दो टुकड़े हो गये। इसप्रकार हमारा देश बाहर के शत्रुओं से अपराजित है, फिर भी देश के भीतर छुपे हुये गद्दार उसे खोखला कर रहे हैं। 31अक्टूबर 1984 को हमारे देश की भूतपूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी को उन्हीं के सुरक्षाकर्मी ने उन्हीं के निवास स्थान पर मशीनगन से 19 गोलियों से भून दिया था। उनके Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003168
Book TitleKriya Parinam aur Abhipray
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAbhaykumar Jain
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year2006
Total Pages114
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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