SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 237
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प्रकाशिका टीका द्वि वक्षस्कार सू. २४ सुषमसुषमाभाविमनुष्यस्वरूपनिरूपणम् २२३ सुजायपासाओ मियमाइयपीणरइयपासाओ अकरंडय कणगरुयगणिम्मल सुजायणिरुवहयगायलट्ठीओ कंचणकलसप्पमाण समसहियलट्ठ चुच्चुआमेलगजमलजुयलवट्टिय अब्भुण्णयपीणग्इअय पोवरपओहराओ भुयंग अणुपुवतणुय गोपुच्छ वट्टसमसंहियणमिय आइज्जललियवाहा तंबणहाओ मंसलग्गहत्थाओ पीवरकोमलवरंगुलियाओ णिद्धपाणिरेहा रवि ससि संखचकसोत्थियसुविभत्तसुविरइयपाणिरेहाओ पीणुण्णय कर कक्ख वत्थिप्पएसा पडिपुण्णगलकपोला चउरंगुल सुप्पमाण कंबुवरसरिसगीवाओ मंसलसंठिय पसत्थहणुगाओ दाडिम पुष्फप्पगास पीवर पलंब कुंचियवराधराओ सुंदरुत्तरोटाओ दहिदगरयचंदकुंदवासंतिमउलधवलअच्छिद्दविमलदसणाओ रत्तुप्पलपत्तमउय सुकुमालतालुजीहाओ कणवीरमउलकुडिल अब्भुग्गय उज्जुतुंगणासाओ सारयणवकमल कुमुयकुवलयविमलदलणियरसरिसलक्खणपसत्थअजिह्मकंतणयणा पत्तलधवलायत आतंबलोयणाओ आणामियचावरुइलाकण्हब्भराइसंगयसुजायभूमयाओ अल्लीणपमाणजुत्तसवणा सुसवणाओ पीणमट्टगंडलेहाओ चउरंसपसत्थ समणिडालाओ कोमुई स्यणिअरविमलपडिपुण्णसोमवयणाओ छत्तुण्णयउत्तमंगाओ अकविल सुसिणिद्ध सुगंधदीहसिस्याओ छत्त १ ज्झय २ जूअ ३ थूम ४ दामिणि ५ कमंडलु६ कलस ७ वावि ८ सोत्थिय ९ पडाग १० जव ११ मच्छ १२ कुम्म १३ रहवर १४ मगरज्झय १५ अंक १६ थाल १७ अंकुस १८ अट्ठावय १९ सुप्पइट्ठग २० मयूर २१ सि रियभिसेय २२ तोरण २३ मेइणि २४ उदहि २५ वरभवण २६ गिरि २७ वरआयंस २८ सलीलगय २९ उसभ ३० सीह ३१ चामर ३२ उत्तम पसत्थ बत्तीस लक्खणधरीओ हंससरिसगईओ कोइलमहुरगिरसुस्सगओ कंता सव्वस्स अणुमयाओ ववगयवलिपलियवंगदुबण्णवाहि दोहग्गसो Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003154
Book TitleAgam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Part 01 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherJain Shastroddhar Samiti Ahmedabad
Publication Year1980
Total Pages994
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_jambudwipapragnapti
File Size29 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy