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________________ द्रष्टा का व्यवहार घटना एक और अनुभूतियां अनेक । एक ही प्रकार की घटना में भौतिकदृष्टि से कोई अन्तर नहीं होता किन्तु आंतरिक या आध्यवसायिक दृष्टि से बहुत अन्तर होता है। स्थूल दृष्टि वाला व्यक्ति घटना को देखता है, अध्यवसाय को नहीं देख पाता। अध्यवसाय आंतरिक है इसलिए उसका पता नहीं चलता । घटना स्थूल होती है, वह हमें दिख जाती है । बहुत सारे निर्णय घटना के आधार पर लिए जाते हैं, आंतरिकता के आधार पर नहीं । मनोवैज्ञानिकों ने व्यवहार का बहुत विश्लेषण किया पर वे मन के स्तर तक ही पहुंच पाए। इससे आगे बहुत नहीं पहुंच पाए । मनोविज्ञान में चित्त कों भी पकड़ा गया है किन्तु चेतना के गहरे स्तरों की चर्चा धर्म के क्षेत्र में ही अधिक हुई है। भोक्ता : द्रष्टा मनोविज्ञान में व्यक्तित्व के तीन वर्ग किए जाते हैं—सामान्य, असामान्य और विशिष्ट । अध्यात्म में एक दुसरा वर्ग भी है भोक्ता और द्रष्टा का। भोक्ता होता है घटना को भोगने वाला और द्रष्टा होता है घटना को जानने वाला । मनुष्य की सामान्य प्रकृति है घटना को भोगना । सामने दयनीय घटना घटती है, करुणा का भाव जाग जाता है। भयानक घटना घटती है, डर लगने लग जाता है। रौद्र घटना घटती है तो घणा का भाव पैदा हो जाता है। पौरुष की घटना होती है तो पराक्रम का भाव जाग जाता है। जैसी घटना घटती है, वैसा ही हमारा भाव बन जाता है और वैसा ही रस बन जाता है। इसी आधार पर श्रृंगाररस, वीररस, करुणरस, हास्यरस आदि-आदि रस बने। भावों के उद्दीपन से उनकी अभिव्यक्ति हुई । द्रष्टा का व्यवहार __आदमी घटना को देखता है और उसमें बह जाता है। यह सब मन का खेल है । जब तक आदमी मन के स्तर पर जिएगा तब तक यही होगा। हमारा एक स्तर है-मनोतीत, जहां मन के सारे खेल समाप्त हो जाते हैं। जब आदमी मन को पार कर चेतना की भूमिका में पहुंच जाता है तब ये सारी स्थितियां समाप्त हो जाती हैं। किसी को देखकर वीतराग को रोना नहीं आता। प्रश्न हो सकता है क्या वे क्रूर और निष्करुण हैं ? उनमें अहिंसा और मैत्री का अगाध प्रवाह बह रहा है पर मन के खेल समाप्त हो Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003086
Book TitleAstittva aur Ahimsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages242
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size9 MB
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