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________________ ४६५ २०५१ ] नवमभवि वसुदेववृत्तंतु [२०४८] रसह तुंवउं कह-वि पढमयरु अ-पयच्छिरु मग्गिउ वि फुरिय-गरुय-कोविण ति-दंडिण । पेल्लेविणु रस-जुउ वि खिविउ विवरि अह दुहिण चंडिण ॥ आउलु खलिर-प्पडिरु गउ मेहलहं वि हेट्टम्मि । न-उ मरणंत-दुहावणइ पडियउ रसि दुट्टम्मि ॥ [२०४९] भीय-कंपिरु भणइ पुणु पुरउ तमु पुव्व-पविट्ठयह अहह भाय किह नरय-सरिसह । एयस्स महा-दुहह उत्तरेसु ता तसु हयासह ॥ पुरउ पयंपिउ पुवयर- पुरिसिण जह - न उवाउ । चिट्ठइ मरणह अंतरिण अह पसरंत-विसाउ ॥ [२०५०] चारुदत्तु सु भणइ पुणरुत्तु जह - बंधव तह वि कु-वि कहसु तयणु इयरेण साहिउ । इह एही गोह इग तीए पुच्छि लग्गेउ अवहिउ ॥ गच्छेज्जसु विवरह वहिहिं अन्नह पुणु झिज्जंतु । हंत रसंतरि निवडियउ मरिसि करुणु विलवंतु ॥ [२०५१] विहि-निओइण चारुदत्तो वि तसु विवरह उत्तरिउ पुणु वि जाउ अप्पाणु मन्निरु । तमु सिहरिहि उत्तरिवि किं-चि अग्ग-मग्गम्मि गच्छिरु ॥ वण-महिसिण एगिण वि वणि जगडिज्जंतु अणाहु । छुट्टउ कहमवि गरुयरहं सिलहं विलंविय-काहु ॥ २०४८. ९. क. पडिवउ. २०५०. १. क. पुणुरुत्तु; ५. क. पुच्छ. Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002610
Book TitleNeminahacariya Part 2
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorH C Bhayani, Madhusudan Modi
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1971
Total Pages318
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size11 MB
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