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________________ [२४७६ नेमिनाहचरिउ [२४७६] अह ति निय-निय-उचिय-मंचेसु उवविट्ठ अहक्कमिण समगु इयर-नरवइ-सहस्सिण । कंसस्स उ दोन्नि करि- राय संति पसरिय स-तेइण ॥ रिउ-निव-करडि-मरट्ट-हरु गुरु-पोरिस-अभिरामु । पउमुत्तर-अभिहाणु इगु वीयउ चंपग-नामु ॥ [२४७७] विहि-वसेण य कण्ह-हलहरहं हणणत्थु कंसाहमिण दु-वि ति हत्थि मय-भरु लियाविय । स-निउत्त-आओहणिहि पुणु पओलि-दारेसु ठाविय ॥ एत्थंतरि वहु-गोव-जुय कय-असरिस-सिंगार । जा पविसहिं महुरहं पुरिहिं दो-वि ति सउरि कुमार ॥ [२४७८] ताव कुंजर गडयडेऊण कर-डंड उब्भीकरिवि समुहु ते ति दुण्ह वि पहाविय । बल-हरिणुट्ठिवि दह इह असम-विरिय-सुहडत्त-भाविय ॥ निय-रह-रयणु विउज्झिउण करिहिं करेसु विलग्ग । पहरहिं अहरिय-करुण दु-वि पयडिय-पोरिस-मग्ग ॥ कहं वा [२४७९] हणहिं मुट्ठिर्हि चडहिं कुंभयडि मुसुमरहिं मय-पसरु दसण-मुसलि लग्गंति धाविवि । परिखेवहिं चक्क-भमि खंध-देसि आरुहर्हि आविवि ॥ इय कंचि-विखणु कीलिउण चुज्जु जणेवि जयस्सु । उप्पाडहिं लीलई दसण- मुसल करिंद-जुयस्सु ॥ २४७६. ४. क. उं. ____Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002610
Book TitleNeminahacariya Part 2
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorH C Bhayani, Madhusudan Modi
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1971
Total Pages318
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size11 MB
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