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________________ न तीर्थ परिचायिका आन्ध्र प्रदेश मूलनायक : श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथ भगवान। जिला गुन्टूर मार्गदर्शन : यह तीर्थ गुन्टूर रेल्वे स्टेशन से 32 कि.मी. दूर स्थित है। विजयवाड़ा वाया गुन्टूर की 64 कि.मी. दूर है। गुन्टूर से बस, टैक्सी उपलब्ध है। हैदराबाद से यह 33 कि.मी. दूर है। यह तीर्थ अमरावती में कृष्णा नदी के दक्षिण तट पर शान्त, सुरम्य वातावरण में स्थित है। पेढी : परिचय : आन्ध्र प्रदेश में नदी तट पर बसा प्राचीन तीर्थ यही एक मात्र है। प्रति वर्ष पोष कृष्णा श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथ दशमी को मेला लगता है। प्रभु प्रतिमा की कला सुन्दर व निराले ढंग की है। नदी तट पर जैन श्वेताम्बर पेढ़ी डाकघर अमरावती, स्थित इस तीर्थ का प्राकृतिक दृश्य दिव्य लोक सा प्रतीत होता है। गुन्टूर में जिनालय, जिला गुन्टूर गुरू मंदिर आदि दर्शनीय है। गुंटूर रुककर आना श्रेयस्कर है। यहाँ का शिव मन्दिर भी (आन्ध्र प्रदेश) दर्शनीय है। ठहरने की व्यवस्था : यहाँ धर्मशाला व भोजनशाला उपलब्ध है। अमरावती में ठहरने हेतु कई होटल आदि भी हैं। मूलनायक : श्री प्रमाण पार्श्वनाथ प्रभु। श्री ह्रींकार तीर्थ मार्गदर्शन : यह तीर्थस्थान विजयवाड़ा-गुंटूर मार्ग पर नागार्जुना यूनिवर्सिटी के सामने है। यहाँ पेढ़ी : से पेदमीरम तीर्थ लगभग 135 कि.मी. है। श्री ह्रींकारमय चिन्तामणि परिचय : इस नवनिर्मित तीर्थ पर 108 फीट ऊँचा शिखर बन पाया है। रंगमंडपादि का काम पार्श्वनाथ, चालू है। 24 जिन युक्त ह्रींकार जो 21 फीट ऊँचा विराजमान है। मध्य भाग में कमल शोभित जैन तीर्थ, नागार्जुन नगर, गादी पर 65 इंच प्रमाण पार्श्वनाथ प्रभु विराजमान हैं । वातावरण सुन्दर है। श्री भद्रानंद विजय जिला गुंटूर-522 510 जी गणी के उपदेश से इस तीर्थ का निर्माण हुआ है। (आन्ध्र प्रदेश) फोन : 0863-293213 ठहरने की व्यवस्था : यहाँ पर धर्मशाला, भोजनशाला सर्व सुविधाएँ उपलब्ध हैं। मूलनायक : तीर्थाधिपति श्री पार्श्वनाथ प्रभु। जिला कर्नूल मार्गदर्शन : यह तीर्थस्थान कर्नूल जिले के आदोनी नगर से 19 कि.मी. की दूरी पर पेदतुम्बलम भी गाँव में निर्माण हुआ है। परिचय : तीर्थाधिपति श्री पार्श्वनाथ प्रभु की प्राचीन प्रतिमा कुएँ के उत्खनन के समय भूगर्भ से पेढ़ी : ___ प्राप्त हुई है। प्रतिमाजी की कला अति सुन्दर है। दादावाड़ी का काम चालू है। श्री पार्श्वमणि तीर्थ, पोस्ट पेदतुम्बलम, ठहरने की व्यवस्था : धर्मशाला, भोजनशाला आदि सर्व सुविधाएँ उपलब्ध हैं। वाया आदोनी जिला कर्नूल-518301 (आन्ध्र प्रदेश) फोन : 08512-57432 Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only 173 www.jainelibrey.org
SR No.002578
Book TitleJain Tirth Parichayika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year2004
Total Pages218
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Pilgrimage
File Size14 MB
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