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________________ ३९ जीव और जीव की कर्मजनित अवस्थायें किया गया है। जिस प्रकार दीपक अपने प्रकाशसे स्वयं भी आलोकित होता है और बाह्य पदार्थोंको भी आलोकित करता है, उसी प्रकार जीव अपने ज्ञानसे स्वंयको भी जानता है और परको भी जानता है। डॉ० हिरियन्नाके शब्दोंमें, "ज्ञानके बिना जीव और जीवके बिना ज्ञानकी कल्पना ही नहीं की जा सकती, जैन दर्शनका यह विचार बौद्ध दर्शनसे स्पष्टत: अन्तर प्रगट करता है, क्योंकि बौद्ध दर्शनमें समस्त वस्तुओंको क्षणिक माना है, जीव भी अस्थायी है, इसमें रहने वाली शक्तियाँ भी अस्थायी हैं। ३. जीव अमूर्त है - जैन दर्शनमें केवल आकृतिको मूर्त नहीं कहा है, अपितु जो पदार्थ इन्द्रियग्राह्य हैं उन्हें मूर्त कहा है, जीव, क्योंकि इन्द्रिय-ग्राह्य नहीं है, इसीलिये जीव को अमूर्त कहा जाता है । कुन्दकुन्दाचार्यने आत्माकी अमूर्तत्व शक्तिका प्रतिपादन करते हुए कहा है - _ “कर्मबन्धव्यपगमव्यंजितसहजस्पर्शादिशून्यआत्मप्रदेशात्मिका अमूर्तत्वशक्ति :५ अर्थात् आत्मामें आत्मप्रदेशोंसे अभिन्न अमूर्तत्व शक्ति होती है, जो स्पर्श रसादि पौद्गलिक गुणोंसे भिन्न और कर्मबन्धके अभावसे व्यक्त होती है। कुन्दकुन्दाचार्य के इस प्रतिपादनसे विदित होता है कि अमूर्तत्व शक्ति कर्मबन्धसे रहित होने पर ही प्रगट होती है, इसी कारण कर्मबद्ध जीवको स्पर्श, रस, गन्ध, वर्णादि इन्द्रिय-ग्राह्य विषयोंके सद्भावके कारण मूर्त भी कह दिया जाता है, परन्तु जीवका यथार्थ स्वरूप अमूर्त ही है। ४. जीव कर्ता और भोक्ता है - जैन दर्शनमें जीवको कर्ता और भोक्ता माना गया है। कर्मसे लिप्त संसारी जीव भी कर्ता और भोक्ता है और कर्म से मुक्त सिद्धजीव भी कर्ता और भोक्ता - १. उपाध्याय यशोविजय, ज्ञानबिन्दुप्रकरण, संवत् १९९८, पृ० १३ २. हिरियन्ना, भारतीय दर्शन की रूपरेखा, पृ० १६० ३. जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश, भाग III, पृ० ३२७ ४. आगासकालजीवा धम्माधम्मा य मुत्तिपरिहीणा, पंचास्तिकाय, गाथा ९७ ५. समयसार, आत्मख्याति, परिशिष्ट, शक्ति नं० २०, ६. द्रव्यसंग्रह, गाथा ७ Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002576
Book TitleJain Darshan me Karma Siddhanta Ek Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManorama Jain
PublisherJinendravarni Granthamala Panipat
Publication Year1993
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Karma
File Size11 MB
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