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________________ ४७ दिस्सति समत्वयोग और कार्ल मार्क्स ण एत्थ तवो वा दमो वा णियमो वा दिस्संति संपुण्णबाले जीविउकामे लालप्पमाणे मूढे विप्परियासमुवेइ ।” । "ऐसे लोग भी जीवित हैं जो खेत, वस्तु, मणिकुंडल, सोना-चाँदी, कामिनियों में आरक्त हैं, गिद्धकी तरह आँखें लगाये हैं, उन्हीं में तल्लीन हैं । उनको कोई तप, संयम या नियम दिखाई नहीं पड़ता । वे सम्पूर्णतः अज्ञानी हैं, अपने जीने से ही मतलब रखते हैं, लालची हैं, उनकी बुद्धि उलटी हो गयी है ।" महावीर जो कह रहे हैं वह बड़ा कटु सत्य है, वही जो मार्क्स कह रहा है । महावीर की दृष्टि ज्यादा पैनी है, दृष्टि-क्षेत्र ज्यादा व्यापक है, बात ज्यादा तीक्ष्ण है। महावीर यहाँ तक कहते हैं कि "ऐसे लोगों का सोना जागने से अच्छा है, दुर्बल होना बलवान होने से अच्छा है -'' "अत्थेगइयाणं जीवाणं सुत्तत्तं साहू । अत्थेगइयाणं जीवाणं जागरियत्तं साहू ॥ अत्थेगइयाणं जीवाणं बलियत्तं साहू । अत्थेगइयाणं जीवाणं दुवलियत्तं साहू ।' इस प्रकार समाजवादी व्यवस्था में ही समता स्थापित हो सकती है, जिसमें उत्पादन के साधनों पर व्यक्तिगत स्वामित्व को समाप्त करके आर्थिक शोषण का अन्त कर दिया जाता है। समाजवाद के आलोचकों का यह कथन कि समाजवाद में, सोवियत रूस और चीन में असमता है, निराधार है क्योंकि वहाँ असमता विनाशोन्मुख है । समाजवाद के प्रथम सोपान में पारिश्रमिक योग्यतानुसार दिया जाता है जबकि जनसेवाएं (शिक्षा, स्वास्थ्य-रक्षा, यात्राव्यवस्था आदि) प्रायः मुफ्त होती हैं । अतएव शिक्षा, स्वास्थ्य, निवास और यात्रा करीब-करीब निशुल्क होने से, पारिश्रमिक में यदि अन्तर रहता भी है तो वह अधिक अखरता नहीं है जबकि सामंती और पूँजीवादी देशों में वेतनमानों का वैषम्य प्राणान्तक होता जाता है क्योंकि ऐसे मुल्कों में मेहनतकश जनता उच्च शिक्षा, खर्चीली दवाइयों तथा स्तरीय जीवन से वंचित रहती है, केवल उच्च वर्ग और उच्च मध्य वर्ग ही सुखी रह पाता है । अतः जो लोग 'योग्यतानुसार पारिश्रमिक' के समाजवादी सिद्धान्त को १. आचारांग सूत्र Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002545
Book TitleSamatvayoga Ek Samanvay Drushti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPritam Singhvi
PublisherNavdarshan Society of Self Development Ahmedabad
Publication Year
Total Pages348
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size15 MB
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