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________________ शब्दे शब्दे शाता आपे ओवी तमारी वाणी ए वाणीनी पावनताने अमे कदि न जाणी तमे महेरामण थई उमट्या अमे कांठे आवी तरस्या... नाम हे तेरा तारणहारा... नाम है तेरा तारणहारा... कब तेरा दर्शन होगा ? जिनकी प्रतिमा ईतनी सुंदर, वो कीतना सुंदर होगा... नाम है... तुमने · तारे लाखो प्राणी... ये संतोकी वाणी है, तेरी छबी पर मेरे भगवंत... ये दुनिया दीवानी है, भावसे तेरी पूजा रचाउं... जीवन में मंगल होगा . ...जिनकी प्रतिमा... सुरवर मुनिवर जिनके चरणे निशदिन शीश झुकाते है, जो गाते है प्रभु की महिमा... वो सबकुछ पा जाते है, अपने कष्ट मिटाने को तेरे चरणो में वंदन होगा . ...जिनकी... मनकी मुरादें लेकर स्वामी तेरे चरण में आये है, हम है बालक तेरे चरण में तेरे ही गुण गाते है, भवसे पार ऊतरने को तेरे गीतों का सरगम होगा ...जिनकी... | बंधन बंधन झंखे मारे मन बंधन बंधन झंखे मारुं मन, पण आतम झंखे छुटकारो, मने दहेशत छे आ झघडामां, थई जाय पूरो ना जन्मारो ...बंधन बंधन. ૨૧૦
SR No.002497
Book TitleGirnar Geetganga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemvallabhvijay
PublisherGirnar Mahatirthvikas Samiti
Publication Year2016
Total Pages334
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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