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________________ अनुक्रमणिका क्या ? पहला बोल : गतियाँ चार दूसरा बोल : जाति पाँच तीसरा बोल : काय छह चौथा बोल : इन्द्रिय पाँच पाँचवाँ बोल : पर्याप्ति छह 1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. 8. 9. 10. 11.. ग्यारहवाँ बोल : गुणस्थान चौदह 12. 13. 14. 15. 16. 17. 18. 19. 20. 21. 22. 23. 24. 25. छठा बोल : प्राण दस सातवाँ बोल : शरीर पाँच आठवाँ बोल : योग पन्द्रह नवाँ बोल : उपयोग बारह दसवाँ बोल : कर्म आठ बारहवाँ बोल : पाँच इन्द्रियों के तेईस विषय तेरहवाँ बोल : दस प्रकार का मिथ्यात्व चौदहवाँ बोल : नव तत्त्व के एक सौ पन्द्रह भेद पन्द्रहवाँ बोल : आत्मा आठ सोलहवाँ बोल : दण्डक चौबीस सत्रहवाँ बोल : लेश्या छह अठारहवाँ बोल : दृष्टि तीन उन्नीसवाँ बोल : ध्यान चार बीसवाँ बोल : षड्द्रव्य और उनके भेद इक्कीसवाँ बोल : राशि दो बाईसवाँ बोल : श्रावक के बारह व्रत तेईसवाँ बोल : साधु के पाँच महाव्रत चौबीसवाँ बोल : भंग उनचास पच्चीसवाँ बोल : चारित्र पाँच कहाँ? 1 10 17 27 31 37 43 48 54 60 70 77 83 88 100 106 114 121 128 135 146 150 161 167 172
SR No.002470
Book TitleAgam Gyan Ki Adharshila Pacchis Bol
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVarunmuni
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2011
Total Pages192
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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