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________________ प्रस्तावना | वाचकवृन्द ! प्रातःस्मरणीय पूज्यपाद इतिहासवेत्ता मुनि श्री ज्ञानसुन्दरजी महाराज का संक्षिप्त परिचय आप लोगों के सम्मुख रखते मुझे अत्यंत हर्ष है । ऐसे उत्तम पुरुषों के जीवन से हमें ऐसे ऐसे उपदेश मिलते हैं कि यदि सच्चे दिल से ऐसे नर पुङ्गवों का अनुकरण किया जाय तो हमारा जीवन उच्च और आदर्श हो जाय । कहने की आवश्यक्ता नहीं कि वर्तमान समय में मुनि ज्ञानसुन्दरजी महाराजने जैन साहित्य के अन्दर किस प्रकार की जागृति उत्पन्न कर दी है। मारवाड़ जैसे शिक्षा में पिछड़े प्रान्त के अन्दर इस प्रकार ज्ञान की धूम मचा देना वास्तव में असाधारण योग्यता का कार्य है । इन दिनों मुनि श्री ऐतिहासिक खोज करने में संलम हैं जिस के फलस्वरूप हाल ही में " जैन जाति महोदय नामक प्रमाणिक ऐतिहासिक ग्रंथ का प्रथम खण्ड प्रकाशित हुआ है जिस से साफ प्रकट होता है कि मुनि श्री अपनी लगन के कैसे पक्के हैं | इस पुस्तक में मैंने आपश्री के जीवन की मुख्य मुख्य घटनाओं का संक्षेप में विवेचन किया है । आशा है पाठक चरितनायकजी के गुणों से परिचित होकर अपने आत्महित साधन के लिए कुछ ऐसे ही आदर्श चुनेंगे । विनीत ३१-१०-२९ जोधपुर. Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat 33 श्रीनाथ मोदी जैन लेखक. www.umaragyanbhandar.com
SR No.034561
Book TitleMuni Shree Gyansundarji
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreenath Modi
PublisherRajasthan Sundar Sahitya Sadan
Publication Year1929
Total Pages78
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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