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________________ (१९४) अनुकरणीय छे, अने गई कॉन्फरन्सनी कारवाईमां आ वात थोडा वखतने लीधे सामेल करवामां आवी नहोती; परंतु आप साहेबोनी धर्म तरफनी साची लागणी प्रगट करीने जीर्ण प्रस्तको. द्धारमा आपे जे मदद कीधी छे, ते बहु स्तुतिपात्र छे. व्यवहारिक तथा धार्मिक केळवणीमां जे विचारपूर्वक ठराव करवामां आव्यो छे, अने स्त्री, कन्या तथा पुरुषने शिक्षण मेळववानी जरूर छ एम तेमां जणाववामां आव्युं छे,ते स्तुतिपात्र छे, कारणके कन्याने शिक्षा मळ्या विना आपणी यथावत उन्नति थई शके एम नथी. संसारी शिक्षा साथे धर्मनी शिक्षा बहु जरूरी छे तेथी कोमळ मगज उपर सारी असर पहोंचे छे; आ विद्यादानने माटे जे प्रबंध आप लोकोए कीयो छे ते बहु सारी वात छे; पण जेम जेम जमानो आगळ वधशे तेम तेम आपने आ वात उपर विशेष विचार करवानी जरूर पडशे. निराश्रित श्रावकोने माटे तथा अनाथ बच्चाओने माटे जे दीलसोजी आपे बतावी छे, ते आपनी पुरी दयालुता जाहेर करे छे, अने जोके आ माटे हाल पुरो प्रबंध थई शक्यो नथी, तोपण जे कांई थयुं छे ते ठीक छे. भविष्यमां पण आपणी लागणी आज प्रकारे रहेशे, तो निराश्रितोने पूर्ण मदद मळशे अने आपणने पुन्य प्रशंसानी प्राप्ति थशे. चोथो ठराव जीवदया उपर छे. आप लोको बराबर ध्यान ते उपर आपता आव्या छो; अने हाल पण ते तरफ आप जे ध्यान आपो छो, ते बाबत आपनी दया तथा धर्मनी लागणी पूरी रीते प्रगट करी रही छे. पांचमो ठराव जैन डीरेक्टरी संबंधी छे. आ वखत तेनी आपणने घणी जरुर छे. तेनो फायदो आपणने ए वखत मालुम पडशे के, ज्यारे एक डीरेक्टरी तैयार थई जशे. छठी बाबत कॉन्फरन्सनी योजना पार पाडवा विषे छे, ते बाबत घणी सारी छे. जे जाथुकनुं फंड आपे पांच साल सुधी कॉन्फरन्स, कामकाज चलाववाने माटे कायम की, छे, तेथी कॉन्फरन्सनो पायो आपे पक्को नांख्यो छे. जरुरी काम रुपीआनी तंगीने लीधे कदी पण पार पडी शकतुं नथी. आप साहेबोए दुरअंदेशी वापरीने आ फंडने कायम करीने कोन्फरन्स, घणुं हित चाहुं छे. सातमो ठराव धार्मिक तथा अन्य शुभ खातांनो हिसाब बराबर राखवा संबंधी छे. ते संबंधी जे सूचना करवामां आवी छे ते पूर्ण रीते स्तुतिपात्र छे, कारणके आपणा धर्मशास्त्रनी आज्ञानुसार आवां खातांनी एक पाईनी पण गरबड घणं पाप वधारे छे. हिसाब साफ रहे. वाथी आपणा समुदाय, कल्याण थाय तेम छे. __आठमो ठराव जीर्ण मंदिरना प्रबंध संबंधी छे. तेनो हमणां जे विचार करवामां आव्यो छे ते दुरस्त छे. लाखो करोडोनो खर्च करी जे मंदिर आपणा वृद्धोए बनाव्यां छे, तेनुं समारकाम सारी स्थितिमा राखवानी जरुर छे. नवमो ठराव जे हानिकारक रिवाज आपणामां फेलाया छे अने जेथी आपणा लोकोने तकलीफ पडे छे ते विषे छे, तेवा रिवाज बंध करचानी घणी जरुर छे. कहेवानुं तात्पर्य ए के आपणी कॉन्फरन्समां जे कारवाई उपर विचार थयो छे, ते बधी आपणा धर्म अने समाजनी उन्नतिने माटे छे, तथा जेनी आजकाल समयानुसार आ कॉन्फरन्समां Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034560
Book TitleMumbaima Bharayeli Biji Jain Shwetambar Conferenceno Report
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Conference Office
PublisherJain Shwetambar Conference Office
Publication Year1904
Total Pages402
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size41 MB
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