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________________ ( १७६ ) पुंजीए पण जीर्ण हालतमां आवे छे, माटे मजकुर तीर्थनो जीर्णोद्धार जेम बने तेम जलदीथी थाय, तेवी आपने अरज करूं छु.. __आबु तीर्थ के जे देहेरा, कोतरकाम आखी दुनियामां प्रसिद्ध छे, ते केटलीक जीर्ण अवस्थामां आवेलुं छे, जेनी आपणा नामदार गवरनर जनरल साहेबे, ते तीर्थे गई साल आवेला ते वखते खास तारीफ करी हती अने भलामण करी हती के, आ तीर्थने सारी हालतमा राखवू, अने जो जैनो पुरतो खर्च ना करे तो गवरमेन्ट खर्च करे अने कबजो संभाळी राखे; अने फक्त श्रावको सेवापूजा करे. आ उपरथी भाईओ धडो लेवानो छे के जुना तीर्थोनी आपणे रक्षा नहीं करीए, तो गवर्नमेंटे खास कायदो को छे तेनो लाभ लो; माटे ते उद्धार बाबत पण आपनुं ध्यान खेंचवानुं छे. _____ कुंभारीआ तीर्थनां देहेरां पण घणांज जीर्ण स्थितिमां आवी गएलां छे, तेनो जीर्णोद्धार जलदी थवानी खास जरुर छे. तेना वहीवटदारो रु. १५) हजार खरचवाने हाल परवानगी आपवा तैयार छे; परंतु तेनी हाल संभाळ आबरुदार गृहस्थ ले, तेवी खास जरुर छे. ते बाबत पालणपुरना गहस्थो के जेमना नजीक ते तीर्थ छ तेओ तेनी मेनेजमेंट माथे ले, तो ते उद्धार जलदी थवानी वक्की छे, अने ते बाबत पालणपुरना गृहस्थाचं ध्यान खेंचवा मागुं छं. शेजूंजा तीर्थमां पण खडतरवशीमां जीर्णोद्धार थवानी जरूर हती; परंतु गई सालमां सारी रकमनी टीप पण थई छे, तेथी करीने थोडी मुदतमा जीर्णोद्धार पुर्ण थएलो जोवाने भाग्यशाळी नीवडीशु. तेमज सदा सोमजीनी जे चोमुखनी टुंक, तेमां पण जीर्णोद्धार करवानी खास जरूर छे ते बाबत पण ध्यान खेंचवा मागुं छु. गीरनारजी तीर्थ जे जुनागढमां छे तेमां पण जीर्णोद्धारनी खास जरूर छे. आ सिवाय घणांक गामो अने शेहेरोमां पण जीर्णोद्धारनी जरूर छे, तेवी घणीक जगानां नाम अने तेनी हालत विषेनी हकीकत मारी पासे मोजुद छे; परंतु वखत थोडो छे माटे तेनुं वर्णन वधारे करी शकतो नथी. ___ हवे आपने जणाववानी जरूर छे के, देहेरासरोना जीर्णोद्धार जलदी नहीं थवानां कारण ए छे के, केटलांक स्थळोमां साधु साध्वी तेम धर्मोपदेशको एकनी एकज जगाए घणो वखत रहे छे, अने जे ठेकाणे विहार करवानी जरूर छे त्यां जई शकता नथी; तेथी करीने उपदेशकोना उपदेशनी खामीने लीधे घणो काळ बीती जाय छे, ते खामी दुर करवाने पगलां लेवानी जरूर छे. केटलांक शेहेरोमां एक देहेरासरमां सारी पुंजी होय छे, अने खर्च करतां पण घणी आवदानी होय छे, अने तेनी साथना देहेरासरमां पुरती मदद होती नथी. तो एकबीजां देहेरासर अरसपरस नाणां संबंधी मदद करतां नथी, ते दिलगीरीनी वात छे; माटे भिन्नभाव नहीं गणतां एकबीजां देहेरासरोमां मदद करे, तेवी खास जरूर छे.. आजकाल आपणा भाईओ पोतानी मोटाईनो लोभ देखाडी, वाहवाह कहेवडाववाने माटे तथा मोटाई मेळववाने माटे, जे गाममां मोटा मोटां देहेरासरो छे त्यां पण तेओ दरसाल नवां नवां Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034560
Book TitleMumbaima Bharayeli Biji Jain Shwetambar Conferenceno Report
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Conference Office
PublisherJain Shwetambar Conference Office
Publication Year1904
Total Pages402
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size41 MB
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