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________________ (१५२) जोईए. फलाणा भाई बोल्या तेने तो तोडीज पाडवा, फलाणाने त्यांनो वरो बगड्यो नहीं, वगैरे आर्तध्यानमां बीजानुं बगाडवानेज तत्पर थई बेस, एभवोभव दुःखी थवानी निशानी छे. सुतरना एक तारथी कशुं वळतुं नथी, पण सो तार एकठा थाय तो आखी स्टीमर घसडी शके छे, तेवीज रीते तमो संप करशो तो तमारी जाति अने धर्मनी, अने ते रीते तमारी, तमारी प्रजानी अने तमारा आत्मानी पण उन्नति करी शकशो. जैन शास्त्र प्रमाणे सर्व प्राणी, सर्वे मनुष्य प्रत्ये पोतानुज कुटुंब समजी भ्रातृभाव राखवो जोईए, तेओने दुःखमां मदद करवी जोईए, हीनदीनने तमोए कीधेली सकमाईनो हिस्सो आपवो जोईए, तमारा पोताना जातिभाईओ धंधा वगर खडे छे, तेओने आश्रय आपो, विद्याना अभिलाषीओने विद्यादान आपो, रोगीओने औषध आपो, अने ए रीते भ्रातृभावनी लागणी प्रदर्शित करो. ____ आपणे ईच्छीशुं के में मारा भाषणमां जे कंई कयुं छे, तेनी सारी असर थएली तो त्यारेज गणाशे, के देशमां गया पछी डेलीगेटो श्री संघ एकठो करी ज्यारे कॉन्फरन्सनो हेवाल रजु करो त्यारे आपणामां चालता कुरिवाजोने, खोटां खर्चाने अने मृत्यु पाछळनां जमणोने दूर करवा माटे आग्रह करी, न्युसपेपरद्वारा तेमज कॉन्फरन्सने पत्रद्वारा ते बंध करवाना समाचार पहोंचाडबा कृपा करशो, तो कॉन्फरन्सनी पवित्र सेवा आपे बजावेली कहेवाशे. ए काममां ढील न राखतां जे पहेलो ते वहेलो ते प्रमाणे थर्बु जोईए. बंधुओ! अने बहेनो! आ कॉन्फरन्से जे शरुआत करी छे, अने ए उगता सूर्यने जे आनंदथी आप चार दिवसथी वधावतां आव्यां छो, ते मुजब तेनी प्रत्येनो प्रेम वधारतों रहो. कॉन्फरन्सनी सुचना ते हमारे माटे आज्ञारूप छे, कॉन्फरन्सनो ठराव ते अमारा आचार्योनी आज्ञा समान छे, कॉन्फरन्सपर जरा विघ्न आवे तो ते दूर करवाने, जेम आपणी बिमारी वखते डॉक्टरनी दोडादोडी करवामां आवेछे तेम करो, कॉन्फरन्सपर कटाक्ष करनार तमारो कट्टो शत्रु छे एम समजो, अन कॉन्फरन्स एज जैनोनुं जीवन, एज जैनोदयतुं पहेलं पगथीयुं, एज अंधकार दूर करनारु कीरण, एज संसारसमुद्र पार करनारी नौका, अने एज आपणुं तन, मन, धन, जान, माल सवस्व छे एम समजो, वरतो, वर्तावो, समजावो, रोमेरोम अंगेअंग प्रवर्तावो, खरा रंगथी रंगाओ, धर्मनाज निशामां अंधाधुंध थाओ, के जेथी आपणा पवित्र अनादि जैन धर्मनो डंको चार खुंट वागी, ए धर्मना तमाम अनुयायीनुं आ लोक अने परलोक पण सुधरी, यावत् मोसना भागी थाय! तथास्तु ! " ( ताळीओ चालु ) ( मी. परमारने बे वखत मळी आशरे बार मीनीट वधारे, आपवामां आवी हती, के जेमा तेओ पोतानो विषय संपूर्ण करे.) प्रो. नथु मंछाचंदनुं भाषण. " महेरबान प्रमुख साहेब, मारा व्हाला जैन भाईओ तथा नेक बहेनो! तमारी सामे मी. अमरचंड पी. परपरे रजु करेली दरखास्तने हुं कांई एकलोज टेको आपतो नथी, परंतु आखी जैन कोम तेने दीलोजानीथी टेको अपे छे. आपणी कोमर्नु Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034560
Book TitleMumbaima Bharayeli Biji Jain Shwetambar Conferenceno Report
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Conference Office
PublisherJain Shwetambar Conference Office
Publication Year1904
Total Pages402
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size41 MB
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