SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 104
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (९७ ) ज्यारे ज्यारे श्री जीन शासनमा व्यवहार के परमार्थ रुपे शीथीलता जणाई छे, त्यारे त्यारे शासनमा अग्रेसर आचार्य प्रमुखे सकळसंघे एकत्रं थई शासन- महात्म्य जळवाई रहे एवो प्रयास वखतोवखत कर्यो छे. बंधुओ। हाल समयमां पण आपणे एवी रीते एकत्र थई श्री जीन शासननी तेमज आपणी उन्नति अर्थे, यथाशक्ति प्रयास करवो घटे छे. आवा पुण्यकारक प्रयासनी शरुआत गये वर्षे " श्री फलोदी तीर्थोन्नति सभा" ए करी आपणने आभारी कर्या छे. ए वेळाए प्रथम जैन कॉन्फरंस श्री फलोदी तीर्थ क्षेत्रे एकत्र थई हनी, अने ते प्रमाणे बीजी जैन कॉन्फरंस मेळववा अमे ईच्छा राखी छे. ते कॉन्फरंस चालु वर्षना भाद्रपद वद १३१४-०)) (ता. १९-२०-२१ सप्टेंबर शनि, रवि, सोमवारे ) आ त्रण दिवसोमां अत्रे एकत्र थशे. __ श्रमण भगवान् श्री महावीर स्वामीना उपासको एकत्र थई स्वपरहितना विचार करे एवो प्रसंग दुर्लभ छे. एवो प्रसंग मेळववा अमे आ वेळा उत्कंठित थया छीए, तो आपना तरफथी प्रतिनिधिो ( डेलीगेट्स ) मोकली श्री संघनी भक्ति करवा उत्कंठित थएला अहींना संघने आभारी करशो. मुंबई प्रवृत्तिक्षेत्र छे; तथापि आपणा स्वधर्मी भाईओनो मोटो समुदाय अहीं वसे छ; अत्रे श्री जीनचैत्योनी यात्रानो लाभ छे; मुनि महाराजोनां दर्शननो पण प्रसंग छे. वळी समस्त हिंदुस्तानना संघना प्रतिनिधीओ अत्रे पधारशे; तेओनां दर्शन-समागमनो लाभ, तेमज आपणे बधा भेगा थई आपने जुदा पत्रमा जणाव्युं छे तेम, जेथी आपणने व्यवहारिकधार्मिक लाभ थशे एम, आ पवित्र धर्ममेळाथी अनेक लाभ छे; माटे सकळसंघ मेळवी प्रतिनिधीओ चुंटी काढी मोकलवा कृपा करशो. अत्रे आपनी सर्व प्रकारे भक्ति करवा संघ उजमाळ थई रह्यो छे. आपना तरफथी जे भाईयो पधारवाना होय, ते क्यारे पधारवाना छे तथा कोण कोण पधारवाना छे, ए वगेरेनी अमने आप आ पत्र मळ्ये एक अठवाडियामां खबर आपवा कृपा करशो. आ कॉन्फरंस बहु टुंका वखतमा मळवानी छे, तो आ पत्र मळे अमने प्रत्युत्तर आपी आभारी करशो, ने साथेनुं फॉर्म भरीने मोकलशो. आ पत्र संघ समस्त वांचे एम करशोजी. श्री तीर्थकर भगवाने संघने " नमो तिथ्थस्स” कही वंद्यो छे, वखाण्यो छे; एवो श्रीसंघ अत्रे भेगो थाय, ते आपण सर्वने बहु आनंदनुं कारण छे. ला. सकळ संघनी वती कॉन्फरंसनी रीसेप्शन ( स्वागत ) कमीटी तरफथी, नम्र सेवको वीरचंद दीपचंद ( प्रमुख ), फकीरचंद प्रेमचंद ( चीफ सेक्रेटरी) ना जय जीनेंद्र वांचशोजी. Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034560
Book TitleMumbaima Bharayeli Biji Jain Shwetambar Conferenceno Report
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Conference Office
PublisherJain Shwetambar Conference Office
Publication Year1904
Total Pages402
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size41 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy