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________________ मारवाड़ का इतिहास ने पेशवाई कर इन्हें वायसराय लॉर्ड लिटन के स्थान पर उपस्थित किया । महाराज के वहां पहुँचते ही वायसराय भी तत्काल इनकी अभ्यर्थना को आगे बढ़ा, और इन्हें लेजाकर अपनी दाहिनी तरफ़ बिठाया । कुछ देर आपस में बात चीत होती रही । इसी बीच दो अंगरेज़ सैनिकों ने जोधपुर के राज - चिह्न से अंकित एक राज-पताका लाकर उपस्थित की । इसके स्वर्ण - डंड पर ब्रिटिश-राज- मुकुट बना था और ध्वजा के पीछे “ कैसरे हिन्द " लिखा था । इस पताका के लाए जाने पर वायसराय उठकर आगे बढ़ा और उसने आगे लिखा भापण कर उसे, महारानी विक्टोरिया की तरफ़ से, महाराज को अर्पण कर दिया: 1 महाराज ! आपके वंश के राज-चिह्न से अङ्कित यह पताका स्वयं महारानी की तरफ़ का उपहार है और उनके भारतेश्वरी की उपाधि ग्रहण करने के उपलक्ष में आपको अर्पण किया जाता है । इंगलैंड के सिंहासन और आपके राज-वंश के बीच जो दृढ़ संबन्ध है उसी के आधार पर ब्रिटिश गवर्नमेन्ट आपके वंश का प्रभाव, सुख, स्वच्छन्दता और स्थिरता चाहती है । महारानी विक्टोरिया का विश्वास है कि जब तक आप इस पताका को फहराते रहेंगे, तब तक अवश्य ही महारानी की स्मृति आपके मार्ग में बनी रहेगी । " 66 इस पर महाराज ने आगे बढ़ बड़े आदर और मान के साथ उस पताका को ग्रहण किया । इसके बाद लॉर्ड लिटन ने महाराज को एक सुवर्ण का पदक, जिस पर महारानी विक्टोरिया की मूर्ति बनी थी, पहना कर यह भाषण दिया: “महाराज ! मैंने महारानी और भारतेश्वरी की आज्ञानुसार इस पदक से आपको विभूषित किया है । मैं आशा करता हूं कि आप इसे दीर्घकाल तक धारण करेंगे और इसमें अङ्कित तारीख के शुभ अवसर की याद को बनी रखने के लिये आपके उत्तराधिकारी भी इसे चिरकाल तक पदक रूप से सुरक्षित रक्खेंगे ।" इसी अवसर पर वायसराय ने व्यक्तिगत रूप से महाराज की सलामी की तोपें बढ़ाकर १७ के स्थान पर १९ करदीं । दूसरे दिन ( वि० सं० १९३३ की पौष सुदि १४ = २६ दिसम्बर) को स्वयं वायसराय महाराज के स्थान पर आकर इनसे मिला । इसके बाद माघ वदि २ ( ई० स० १८७७ की १ जनवरी) को महाराज दरबार में सम्मिलित हुए । Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat ४६८ www.umaragyanbhandar.com
SR No.034554
Book TitleMarwad Ka Itihas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishweshwarnath Reu
PublisherArcheaological Department Jodhpur
Publication Year1940
Total Pages406
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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