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________________ मारवाड़ का इतिहास इस समय कर्नल जोहन सदरलैंड के मारफ़त ब्रिटिश-गवर्नमेंट और जोधपुर के महाराजा मानसिंह बहादुर के बीच संधि के ये नियम निश्चित हुए हैं:१. देश के शासन के लिये महाराज, कर्नल सदरलैंड, जागीरदार, मुत्सद्दी, खवास और पासवान मिलकर नियम बनायँगे; और सरदारों और मुत्सदियों आदि के हकों का निश्चय पुराने रिवाजों के अनुसार करेंगे। २. राज्य के मुत्सद्दी राज्य के कार्य को पोलिटिकल एजैंट और महाराजा की आज्ञा से करेंगे। ३. सरदारों, मुत्सदियों, खवासों और पासवानों की पंचायत हमेशा की प्राचीन-शैली के अनुसार राज्य-कार्य को चलायगी । ४. महाराजा की सम्मति होने से सरकारी सेना किले में रहेगी । ५. इस प्रवन्ध से किसी की इज्जत, आबरू और काम आदि में फरक नहीं आयगा। ६. राज-कर्मचारी नये नियमों के अनुसार कार्य करेंगे, परंतु उसमें गड़बड़ करनेवाले के स्थान पर महाराज की सम्मति से दूसरा समझदार राज-कर्म चारी नियुक्त किया जायगा । ७. जिनके हक्क छिन गए हैं उनके हक वाजिब होने पर लौटाए जायेंगे, और ऐसे हक़दारों को महाराज की सेवा कर अपना हक अदा करना होगा। ८. ब्रिटिश-गवर्नमैन्ट मारवाड़ में दरबार का ही शासन चाहती है । इसलिये वह प्रतिज्ञा करती है कि न तो वह स्वयं महाराज के प्रभाव में कमी करेगी न दूसरों को ऐसा करने देगी। 1. गवर्नमैंट का एजैंट और मारवाड़ के मुत्सही मिलकर महाराज की सम्मति और नवीन नियमों के अनुसार गवर्नमैंट के चढ़े-चढ़े रुपयों के भुगतान का और आगे मी खिराज और सवार-खर्च के रुपयों के बराबर भुगताते रहने का समुचित प्रबन्ध करेंगे । साबित कर देने पर नुकसान करनेवाले से, जिसका नुकसान हुआ होगा, उसको हरजाना दिलवाया जायगा; और सिद्ध हो जाने पर मारवाड़ का नुकसान का दावा अन्य रियासतों से वसूल किया जायगा । १०. महाराज ने सरदारों की जागीरें लौटाकर उन्हें पुराने कुसूरों की माफ़ी दे दी है । इसलिये ब्रिटिश-गवर्नमैंट भी उन नाथों, सरदारों और कर्मचारियों को, जिनके खिलाफ शिकायतें हैं, माफ़ी देती है । ४३४ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034554
Book TitleMarwad Ka Itihas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishweshwarnath Reu
PublisherArcheaological Department Jodhpur
Publication Year1940
Total Pages406
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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