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________________ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com έτο १६ राव मालदेवजी ( वि० सं० १५८१-१६१९३० स० १५३२-१५६२ ) राव राम ( इसके वंशजों ने अमझेरा क राज्य स्थापन किया था ) दलपतसिंह 1 महेशदास राव रत्नसिंह ( रतलाम का राज्य स्थापन किया ) सीतामऊ और सैलाना के राज्य भी इनके वंशजों ने स्थापन किए थे। ) २७ महाराजा अभयसिंहजी (वि० सं० १७८१-१८०६= ६० स० १७२४ -१७४६ ) २२ राजा उदयसिंहजी ( वि० सं० १६४०-१६५२= ई० स० १५०३-१५६५ ) T २० राव चन्द्रसेनजी ( वि० सं० १६१६-६६३७६० स० १५६२-१५८१ ) T २१ राव रायसिंहजी (२१) राव उग्रसेनजी (२१) राव श्रासकरनजी ( वि० सं० १६३६ - १६४० ई० स० १५८२-१५८३ ) २३ सवाई राजा शूरसिंहजी ( वि० सं० १६५२ - २६७६ ई० स० १५६५-१६१६ ) २४ राजा गजसिंहजी (वि० सं० १६७६- १६६५० स० १६१६-१६३८ ) I २५ महाराजा जसवन्तसिंहजी ( प्रथम ) ( वि० सं० १६६५-१७३५ ई० स० १६३८-१६७८ ) २६ महाराजा ध्वजितसिंहजी ( वि० सं० १७६३ - १७८१-३० स० १७०७-१७२४ ) २६ महाराजा बखतसिंहजी (वि० सं० १८०८-१८०६= ई० स० १७५१-१७५२ ) राजः कृष्णसिंह (किशनगढ़ का राज्य स्थापन किया ) 1 राव अमरसिंहजी (नागोर ) राव श्रानन्दसिंहजी ( दूसरीवार ईडर का राज्य स्थापन किया ) मारवाड़ का इतिहास
SR No.034554
Book TitleMarwad Ka Itihas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishweshwarnath Reu
PublisherArcheaological Department Jodhpur
Publication Year1940
Total Pages406
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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