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________________ मारवाड़-राज्य के कुछ मुख्य-मुख्य महकमों का हाल बिजलीघर । यह महकमा ई० स० १९१७ में खोला गया था और उस समय इसमें दो-दो सौ किलोवॉट (K. W.) कि दो मशीनें और ४ बोयलर लगाए गए थे । ई० स० १९२६ में ४०० किलोवॉट की एक मशीन बढ़ाई गई और ई० स० १९२८ में एक हजार किलोवॉट की एक नई मशीन और एक बोयलर और जोड़ा गया । इसके बाद ई० स० १९३२ में पहले के चार बोयलरों में सुधार किया गया। इस समय १,००० किलोवॉट की एक नई मशीन और लगाने का प्रबन्ध हो रहा है। ई० स० १९१८ में केवल दो मुख्य रास्तों पर ही बिजली की रोशनी लगाई गई थी। परन्तु इस समय तक शहर के खास-खास रास्तों और इर्द-गिर्द की सड़कों आदि के अलावा बहुतसी गलियों तक में बिजली की रोशनी लग चुकी है। ___ हाल ही (ई० स० ११३८ ) में सुमेर समंद से जोधपुर नगर में पानी लाने का जो प्रबन्ध किया गया है उसके लिये मार्ग में ८ 'पंपिंग स्टेशन' बनाए गए हैं और इनके चलाने के लिये, ११ किलोवॉट की, करीब १० मील लंबी बिजली की लाइन बनाई गई है । इन 'पंपिंग स्टेशनों में से ७ में दो-दो ‘पंप' लगे हैं, जिनकी ताकत क्रमशः ६० और १५ घोड़ों की है । ८ वें स्टेशन में ४ 'पंप' हैं । इन में तीन साठ घोड़ों की ताक़त के और एक पंद्रह घोड़ों की ताकत का है। ई० स० १९१७ में बिजली के केवल ६ 'सब-स्टेशन' थे । परन्तु आजकल उपर्युक्त ८ स्टेशनों के अलावा ३१ 'सब-स्टेशनों में काम होता है। इस समय तक करीब-करीब सारे ही सरकारी दफ्तरों और स्थानों में बिजली की रोशनी लगादी गई है और यहां के हवाई जहाज़ों के उतरने के स्थान पर मी 'फ्लडलाइट' ( Hood-light ) वगैरा का अच्छा प्रबन्ध है। ई० स० १९१८ में बिजली का उपयोग करनेवालों की संख्या केवल ७८ थी। परन्तु इस समय उनकी संख्या बढ़कर ३,४५० तक पहुँच गई है । इसके अलावा जनता की पानी की सुविधा के लिये बहुत से कुँओं पर भी बिजली के सरकारी 'पंप' लगा दिए गए हैं। ई० स० १२१८ तक यहां का बरफ का सरकारी कारखाना घाटे में चलता था, परन्तु अब इससे भी राज्य को मुनाफ़ा होने लगा है। ६१३ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034554
Book TitleMarwad Ka Itihas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishweshwarnath Reu
PublisherArcheaological Department Jodhpur
Publication Year1940
Total Pages406
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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