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________________ परिशिष्ट-२. महाराजा उम्मेदसिंहजी साहब की पूर्वी एफ्रिका-यात्री। (प्रथम यात्रा) महाराजा साहब ने पहले-पहल विक्रम संवत् १९८९ ( ई० स० १९३२-३३ ) की शीतऋतु में शिकार के लिये पूर्वी एफ्रिका जाने का निश्चय किया और इसके प्रबन्ध के लिये उगंडा और सोमालीलैंड के भूतपूर्व गवर्नर और सूडान के गवर्नर-जनरल सर जॉफ़री आर्चर को लिखा । इसपर वह जोधपुर आकर आप से मिला और यहां पर यात्रा का प्रारम्भिक प्रबन्ध कर आगे के प्रबन्ध के लिये पूर्वी एफ्रिका चला गया। इसके बाद वि० सं० १९६० की ज्येष्ठ वदि ७ ( ई० स० १९३३ की १६ मई ) को आप जोधपुर से रवाना हुए और बम्बई पहुँच पूर्वी एफ़िका जानेवाले ब्रिटिश इण्डिया कम्पनी के केनिया (Kenya) नामक जहाज पर सवार हुए। ___ इस यात्रा में आपके साथ आपके छोटे भ्राता महाराज अजितसिंहजी, ओसियां के ठाकुर रामसिंह और कुँवर बिशनसिंह तथा जोधपुर का प्रिंसिपल मैडीकल ऑफीसर मिस्टर ई० डब्ल्यू० हेवर्ड थे। १. मिस्टर हेवर्ड के विवरण के आधार पर । २. सर जॉफरी और सहायक-शिकारी (Chief hunter) मरे स्मिथ ने महाराजा साहब के समान सम्माननीय व्यक्ति के हिंस्र जन्तुओं का शिकार करने को जाने के समय एक दत्त शल्य-चिकित्सक (Surgeon) का साथ रखना आवश्यक बतलाया था। इसी से मि० हेवर्ड साथ लिया गया था। इस यात्रा में शल्य-चिकित्सा में सहायता देनेवाले एक व्यक्ति के अलावा तीन अनुचर और भी साथ थे। इनके अलावा अन्य अनुचरों का प्रबन्ध केनिया में ही किया गया था। ५७७ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034554
Book TitleMarwad Ka Itihas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishweshwarnath Reu
PublisherArcheaological Department Jodhpur
Publication Year1940
Total Pages406
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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