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________________ महाराजा उम्मेदसिंहजी इस वर्ष बारिश की कमी के कारण द्वितीय भादों वदि १० ( १० सितंबर ) को बीलाड़ा, बाली, देसूरी, जालोर, पाली, जसवंतपुरा, सिवाना, सांचोर और वाड़मेर के प्रान्तों में अकाल होने की घोषणा कर उपयुक्त स्थानों पर सस्ते घास की दूकानें खुलवाई गई, रक्षित वन-स्थली की रुकावट उठाकर मवेशियों के चारे और पानी का प्रबंध किया गया । जहां-जहां आवश्यकता समझी गई वहां-वहां नाज की दूकानें और गरीबों के भोजनालय । Poor .nouses ) कायम किए गए, किसानों को तकाबी दी गई, उनसे लगान लेना या उन पर की डिगरियों की वसूली करना बंद किया गया और गरीबों की सहायता के लिये मदद के काम ( relief works ) खोले गएँ । द्वितीय भादों सुदि ६ ( २२ सितंबर ) को सम्राट् एडवर्ड अष्टम ने महाराजा साहब को अपना सहचर ( A. D. C.) नियुक्त किया और साथ ही 'ऑनररी कर्नल' के पद से भी भूषित किया। ____ वि० सं० १६६३ की कार्तिक सुदि २ ( ई० स० १९३६ की १६ नवंबर ) को यहां पर, जोधपुर-राज्य के समग्र भारतीय राज्यसंघ ( All-india Federation ) में सम्मिलित होने में उपस्थित होनेवाली कठिनाइयों पर विचार-विनिमय करने के लिये, वायसराय के प्रतिनिधियों ( Lt.-Col. Sir George Ogilvi, K. C. I. E., C. S. I., Mr. E. V. Wirie, C. 1. E. and Mr. E. G. Herbert ) का आगमन हुआ । इस वार्तालाप में यहां के रैजीडेंट लैक्टिनेंट कर्नल ऐच. ऐम. विटिक (H. M. Wightwick) ने भी भाग लिया। इसके बाद ये प्रतिनिधि कार्तिक सुदि ४ (१८ नवंबर) को लौट गए। ___ वि० सं० १९६३ की मंगसिर बदि १२ । ई० स० १९३६ की १० दिसंबर) को ( अपने विवाह के मामले में ) सत्राट् एडवर्ड अष्टम ने ब्रिटिश-साम्राज्य की गद्दी छोड़ दी। इस पर उनके छोटे भ्राता जार्ज षष्ठ के नाम से उक्त गद्दी पर बैठे । इस संबन्ध में मंगसिर सुदि ५ । १४ दिसंबर ) को जोधपुर में एक दरबार किया गया। १. इससे पहले ही नागोर प्रान्त के कृषकों के लगान में कमी करदी गई थी। २. इस अवसर पर राजपूतान का पाश्चमी रियासतों के रैजीडैट ने सम्राट् की घोषणा पढ़कर सुनाई । इसके बाद सामने के मैदान में 'यूनीयनजैक' फहराया गया, राजकीय सेना ने शाही सलामी दी, बाजे वालों ने 'नैशनल ऐन्थम' बजाया, किले से १०१ तोपें चलाई गई और सरकारी दफ्तरों और विद्यालयों में छुट्टी की गई। _ वि० सं० १६६३ की माघ बदि ६ ( ई० स० १६३७ की १ फरवरी) को लेफ्टिनेंट कर्नल डी. एम. फील्ड. ( Lt. Col. D. M. Field, C. I. E.) को सर ( Knight ) की उपाधि और टी. जी. दलाल (T.G. Dalal), पोलिटिकल सैक्रेटरी को 'खाँसाहब' की उपाधि मिली। ५७३ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034554
Book TitleMarwad Ka Itihas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishweshwarnath Reu
PublisherArcheaological Department Jodhpur
Publication Year1940
Total Pages406
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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