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________________ महाराजा उमेदसिंहजी वि० सं० १९९२ की मंगसिर सुदि १२ ( ई० स० १९३५ की ७ दिसंबर ) को खाँबहादुर नबाब चौधरी मोहम्मददीन रिवैन्यू मिनिस्टर बनाया गया । को वि० सं० १९९२ की माघ वदि ११ ( ई० स० ११३६ की २० जनवरी ) सम्राट् जार्ज पञ्चम का स्वर्गवास हो गया । इसपर जोधपुर राज्य में भी अगले दिन से यथा नियम शोक मनाया गया । इसके बाद माघ सुदि ६ ( २६ जनवरी) को नए बादशाह एडवर्ड अष्टम के राजगद्दी पर बैठने का उत्सव मनाया गया और उस अवसर पर किए गए दरबार में रैजीडैंट द्वारा भारत के वायसराय की, नवाभिषिक्त सम्राट् की अधीनता स्वीकार करने १. यह पहले जयपुर में रिवेन्यू मिनिस्टर था । वि० सं० १६६२ की पौष सुदि ७ ( ई० स० १६३६ की १ जनवरी) को निम्नलिखित राज- कर्मचारियों को पदक और उपाधियां मिलीं : मिसेज़ टार्लेटन - कैसर-ए-हिन्द पदक मेजर गौडन (O. B. E. ) - सी. आई. ई. कर्नल टाकुर पृथ्वीसिंह ( बेड़ा ) - राम बहादुर | ठाकुर कानसिंह ( सुपरिन्टेंडेंट- पुलिस - बादशाही पुलिस पदक २. इस अवसर पर तीन दिनों की छुट्टी की गई, तीन दिनों तक क़िले पर की नौबत, रोज़मर्रा की तो और जन साधारण के यहां का नाच-गान बंद रक्खा गया । सरदारों, अंगरेज़अफसरों और मुत्सद्दियों आदि को अपनी-अपनी प्रथानुसार शोक मनाने का आदेश दिया गया | भाघ वदि १३ ( २२ जनवरी) के प्रातः काल किले से शोक-सूचक ७० तोपें (Minute guns ) दागी गई और उस दिन सारे बाज़ार बंद रहे । इसके बाद जब माघ सुदि ५ (२८ जनवरी) को स्वर्ग-गत सम्राट् की अन्त्येष्टि की गई तब फिर एक दिन के लिये उपर्युक्त विधि से शोक मनाया गया और मन्दिरों, मसजिदों और गिरजों में प्रार्थनाएं की गई । ( १ ) ई० स० १६१४ में यह अपने नाना महाराजा प्रतापसिंहजी के साथ यूग्प के महायुद्ध में गया था और दो वर्षों तक युद्धस्थल पर रहा था । वि० सं० १९२६ से १६३४ तक यह महाराजा साहब का सेना - सचिव ( मिलटरी सेक्रेटरी) रहा और इसके बाद सरदार रिसाले का कमांडर बनाया गया । वि० सं० १६६३ की दूसरी भादों सुदि २ ( ई० स० १६३६ की १७ सितंबर) को इस राजभक्त ठाकुर का स्वर्गवास हो गया और इस आकस्मिक घटना पर महाराजा साहब ने ख़ास तौर से अपना शोक प्रकट किया । Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat ५७१ www.umaragyanbhandar.com
SR No.034554
Book TitleMarwad Ka Itihas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishweshwarnath Reu
PublisherArcheaological Department Jodhpur
Publication Year1940
Total Pages406
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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