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________________ 1 महाराजा उमेदसिंहजी थे । इसलिये उन्होंने उस बकरे को देने से इनकार कर दिया । इस पर महाजनों ने उस बकरे के कान में बाली ( कुड़की ) डाल कर उसे पास के सिटी - पुलिस के थाने में सौंप दिया । यह देख उस समय तो वे शरारती मुसलमान चुप हो रहे, परन्तु दूसरे दिन ईदगाह की नमाज़ के समय अन्य मुसलमानों को भड़का कर उनमें से करीब पांच हज़ार को पुलिस थाने पर चढ़ा लाए । यद्यपि पुलिस अफसरों ने शान्ति के साथ मामला तय कर देने की बहुत कुछ चेष्टा की, तथापि वे लोग बाहर के वातावरण से प्रेरित होने के कारण बल-प्रयोग करने पर उद्यत होगए । इसकी सूचना पाते ही जुडीशल - मिनिस्टर पण्डित ज्वालासहाय मिश्र ने सरदार रिसाले के कुछ सवारों को तत्काल घटनास्थल पर भेज दिया । इससे सारा झगड़ा शीघ्र ही शान्त हो गया । भादों सुदि ११ (२५ सितंबर) को जिस समय मकरौना नामक स्थान पर ठाकुरजी की रिवाड़ी जल-यात्रा की सवारी ), जुलूस और बाजे के साथ, वहां की एक मसजिद के सामने से निकली, उस समय कुछ मुल्लाओं के भड़काने से, मुसलमानों ने, अपने लिख कर दिए वादे को तोड़ कर, पुलिस और जुलूस के लोगों पर पत्थर फेंकने प्रारम्भ कर दिए । इस पर जैसे-जैसे उन्हें समझा कर शान्त करने की चेष्टा की गई, वैसे-वैसे वे अधिकाधिक उत्तेजना प्रकट करने लगे । इसके बाद उन्होंने उक्त मसज़िद के पीछे बने वहां के जागीरदार के बंधु रघुनाथ सिंह के बाड़े में आग लगा दी और स्वयं रघुनाथसिंह को तलवारों और लाठियों से क्षत-विक्षत कर मारडाला। उस समय वहां पर पुलिस के जवानों की संख्या कम होने से शीघ्र ही पासके परबतसर नामक स्थान से फौज बुलाई गई और इस प्रकार वह उपद्रव दबाया गया । इसके बाद उपद्रव करने वालों पर बाक़ायदा मुकद्दमे चलाए गए और अपराध सिद्ध हो जाने पर उन्हें सजाएँ दी गईं । १. मारवाड़ में प्रचलित प्रथा के अनुसार जिस बकरे के कान में बाली (कुड़की ) डाल दी जाती है वह अवध्य समझा जाता है और उसे यहां के लोग 'अमर-बकरा' कहते हैं । २. इस प्रकार के जातीय झगड़े को रोकने के लिये भादों सुदि ६ ( २० सितंबर) को फिरसे इस विषय के नियम तय किए गए और कार्तिक वदि ६ ( ३ नवंबर) को उन्हें राजकीय गजट में प्रकाशित करवा दिया गया । ३. यह स्थान जोधपुर से करीब ११८ मील ईशान कोण में स्थित है और वहां पर संगमरमर की खानें हैं । ४. यह स्थान मकराने से करीब १२ मील दक्षिण में है । Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat ५५७ www.umaragyanbhandar.com
SR No.034554
Book TitleMarwad Ka Itihas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishweshwarnath Reu
PublisherArcheaological Department Jodhpur
Publication Year1940
Total Pages406
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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