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________________ महाराजा उमेदसिंहजी लंदन में रहने के समय आपने वहां के अनेक दर्शनीय और सार्वजनिक स्थानों का निरीक्षण किया, बादशाह द्वारा किए गए वैंबले ( Wembley) प्रदर्शनी के उद्घाटनोत्सव में योग दिया और स्कॉटलैंड की यात्रा की । इसके बाद अक्टोबर ) को आप इंगलैंड से रवाना होकर कार्तिक सुदि जोधपुर पहुँचे । कार्तिक वदि ६ (८ (२४ अक्टोबर ) को ७ माघ वदि ७ ( ई० स० १९२६ की ६ जनवरी) को महाराजा साहब ने, २,०६,८३५ रुपयों की लागत से बने, दरबार हाई स्कूल के नए भवन और जसवन्त कालिज के नए भाग का उद्घाटन किया । वि० सं० १९८३ की प्रथम चैत्र सुदि ( ई० स० १९२६ के मार्च के अन्त) में आप बंबई जाकर जाने वाले 'गवर्नर जनरल' लॉर्ड रीडिंग और आने वाले लॉर्ड इरविन से मिले और वहां से लौट कर द्वितीय चैत्र वदि १३ (१० अप्रेल ) को सकुटुम्ब १. आपका ‘रांची' नामक जहाज कार्तिक सुदि ६ ( २३ अक्टोबर ) को बम्बई पहुंचा था । अगले महीने में ( संखवाय ) ठाकुर प्रतापसिंह ने ४० वर्षों की सेवा के बाद ऑफिसर कमांडिंग सरदार रिसाला के पद अवसर ग्रहण किया । महाराजा साहब की इस वर्ष की इंगलैंड यात्रा के समय सेना - विभाग का सारा काम इसके अधिकार में रहा था। इसके अवसर ग्रहण करने पर दरबार की तरफ से इसकी उत्तम सेवाओं की यथानियम सराहना की गई और इसके रिक्तस्थान पर ( रोडला ) ठाकुर अनोपसिंह कमांडिंग ऑफिसर नियुक्त हुआ । पौष वदि ३० ( ई० स० १६२५ की १५ दिसम्बर ) को दरबार ने कृपा कर नगर के राजनीतिक आन्दोलनकारियों को माफ़ी देदी । माघ वद २ ( ई० स० १६२६ की १ जनवरी) को जसोल ठाकुर रावल जोरावरसिंह 'राम्रो बहादुर' बनाया गया और ख़ान बहादुर माल्कम कोठा वाला, (Malcolm Ratanji Kotha - wala) इंसपैक्टर जनरल पुलिस को बादशाही पुलिस का तमगा (King's Police Medal ) मिला । फागुन वदि २ ( : १ जनवरी) को जामनगर - महाराज ने जोधपुर आकर करीब १५ दिनों तक राज्य की मेहमानदारी स्वीकार की । २. वि० सं० १६८२ की द्वितीय चैत्र वदि ६ ( ४ अप्रैल) को आप बम्बई से लौटे थे । ( प्रथम चैत्र वदि ( ई० स. १६२६ की ३ मार्च ) तक यहां के रैजीडेंट का कार्य लेफ्टिनैंट कर्नल मैक्र्सन ( Lt. -Col. A. D. Macpherson) करता रहा, और फिर उसके स्थान पर मिस्टर केटर (A. N. L. Cater, I. C. S . ) नियुक्त हुआ । इसके बाद वि० सं० १९८३ की प्रथम चैत्र सुदि १० ( २३ मार्च ) को कर्नल स्ट्रौंग (Lt.. Col. H. S. Strong ) रैजीडैन्ट होकर आया । ज्येष्ठ वद C ( 3 जून) को बादशाह की बरसगांठ के अवसर पर 'राय साहब' डाक्टर कार सिंह, एसिस्टेंट सर्जन हीयूसन अस्पताल को 'राम्रो बहादुर' का ख़िताब मिला । ५५२ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034554
Book TitleMarwad Ka Itihas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishweshwarnath Reu
PublisherArcheaological Department Jodhpur
Publication Year1940
Total Pages406
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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